रायपुर : – छत्तीसगढ़ के कोल लेव्ही परिवहन घोटाले में उपकृत होने वाले IAS और IPS अधिकारियों का काला चिटठा सामने आया है। जबकि ऐसे प्रभावशील दागी अधिकारियों के खिलाफ बगैर वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित किये ही मौजूदा चीफ सेकेट्री आज रिटायर हो गए है। उनकी कार्यप्रणाली से जहाँ भ्रष्टाचार को लगातार सरंक्षण प्राप्त हो रहा था, वही अब नए चीफ सेकेट्री के रुख को लेकर मंत्रालय में गहमा – गहमी देखी जा रही है।

1994 बैच के IAS विकासशील कायदे – कानूनों को लेकर काफी सख्त माने जाते है। इस बीच प्रदेश के कोल खनन परिवहन घोटाले में लिप्त रायपुर, रायगढ़, कोरबा और बिलासपुर के तत्कालीन एसएसपी – कलेक्टर और अन्य अफसरों की संलिप्ता का काला चिटठा सुर्खियों में है। इसके मुताबिक छत्तीसगढ़ कैडर के आल इंडिया सर्विस के कतिपय चुनिंदा अधिकारी भू – पे राज में आए दिन करोड़ो की रकम पर हाथ साफ़ कर रहे थे। उनके लेन – देन का नमूना मात्र देखकर आप रोजाना के अवैध कारोबार का अंदाजा लगा सकते है। घोटाले के किंगपिन से इन अफसरों का करीब का नाता बताया जाता है। ये IAS और IPS अधिकारी आपस में सांठगांठ कर छत्तीसगढ़ शासन की तिजोरी को किसी प्रोफेसनल गिरोह की तर्ज पर चूना लगा रहे थे। उनका लेनदेन गंभीर आर्थिक अपराध के दायरे में बताया जाता है। एक IAS अधिकारी ने कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी को 11 करोड़ 5 लाख की नगद रकम की अदायगी की थी, जबकि वर्दीधारी एक प्रभावशील ASP ने इसी कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी से 5 करोड़ 67 लाख की नगदी प्राप्त की थी। इसके अलावा ED ने अन्य IAS-IPS की कार्यप्रणाली से भी मौजूदा चीफ सेक्रेटरी को बाकायदा पत्र लिखकर महीने भर पहले अवगत कराया था। लेकिन अकार्यकुशल निर्वतमान चीफ सेक्रेटरी ने ED के इस पत्र को रद्दी की टोकरी में डाल दिया।

“छत्तीसगढ़ कोयला लेवी घोटाला मामले में केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के एक शिकायती जांच पत्र को लेकर मंत्रालय में गहमागहमी है। लोगों की जुबान पर है कि रिटायर मुख्य सचिव अमिताभ जैन द्वारा बख्शे गए दागी IAS – IPS अधिकारियों के प्रति नए मुख्य सचिव आखिर नरमी बरतेंगे या फिर सख़्ती। दरअसल, नए मुख्य सचिव को ED का शिकायती पत्र विरासत में प्राप्त हुआ है। बताते है कि ED ने राज्य के चीफ सेक्रेटरी और ACB-EOW को पत्र लिखकर दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही करने का फ़रमान जारी किया है। ED के इस पत्र में बताया गया है कि जांच के दौरान आरोपी सूर्यकांत तिवारी की डायरी में 80 करोड़ रुपए से ज्यादा के लेनदेन का ब्यौरा मिला था। इसकी जाँच पड़ताल के बाद अफसरों की कार्यप्रणाली आर्थिक अपराध के दायरे में है।

सूत्रों के मुताबिक कोल माफिया सूर्यकान्त तिवारी की “डायरी” में दर्ज प्रभावशाली अधिकारियों का घोटालों से करीब का नाता और अवैध कारोबार सामने आया हैं। तस्दीक की जा रही है कि ऐसे अफसरों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले है, इनमे 2 IPS और 2 IAS समेत 1 एडिशनल SP शामिल बताये जाते हैं। उनके बीच लेनदेन के ब्योरे में साफ़ किया गया है कि एक IPS अधिकारी ने सूर्यकांत तिवारी को 11.5 करोड़ सौंपे थे। जबकि ख़ुफ़िया जिम्मेदारी संभाल रहे एक ASP को आरोपी तिवारी ने 5.67 करोड़ की नगद रकम सौंपी थी। ED ने इस पत्र में यह भी बताया है कि डायरी में दर्ज लेन-देन की तारीख, राशि और पक्षों के नाम सहित पूरा ब्यौरा मय सबूत उसे प्राप्त हुआ था। छत्तीसगढ़ शासन को यह जानकारी भी साफ़ कर दी गई है कि दागी अफसर किस तरह से अपने पद और प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे थे। ED ने इस संबंध में 5 प्रमुख अधिकारियों का आरोपियों से जुड़े लेन-देन का ब्योरा सामने रखा है। महासमुंद जिले में तैनात रहे एक अन्य आईपीएस अधिकारी ने भी सूर्यकान्त को 2.65 करोड़ की नगदी सौंपी थी। सूत्र तस्दीक करते है कि अवैध वसूली के एक प्रकरण में एक अन्य IAS अधिकारी ने 75 लाख की नगदी जबकि दूसरे आईएएस ने 60 करोड़ रुपए की नगदी आरोपी सूर्यकांत को सौंपी थी।

फ़िलहाल, ED का पत्र मंत्रालय में भी चर्चा में है। केबिनेट के पूर्व इस पत्र पर वैधानिक कार्यवाही को लेकर राज्य की बीजेपी सरकार की मंशा भी टटोली जा रही है। माना जा रहा है कि नए चीफ सेकेट्री पदभार ग्रहण करते ही दागी अफसरों के खिलाफ वैधानिक कार्यवाही के लिए निर्देशित कर सकते है। दरअसल, प्रदेश में चीफ सेकेट्री ACB – EOW के पदेन मुखिया भी होते है। कोयला घोटाले मामले में ED की रिपोर्ट पर प्रदेश के ACB /EOW ने अब तक 2 पूर्व मंत्रियों, एक विधायक समेत 36 आरोपियों के खिलाफ नामजद FIR दर्ज की थी। इस मामले में IAS रानू साहू, IAS समीर विश्नोई, डिप्टी कलेक्टर सौम्या चौरसिया, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोल माफिया सूर्यकांत तिवारी का नाम मुख्य रूप से शामिल है। फ़िलहाल, मुख्यमंत्री साय केबिनेट की बैठक में नए चीफ सेकेट्री के स्वागत और पूर्व चीफ सेकेट्री की विदाई तय कार्यक्रम के तहत परवान चढ़ रही है। देखना गौरतलब होगा कि नए निजाम की छत्रछाया में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो ट्रोलेन्स नीति का आगाज़ किस तर्ज पर होता है ?
