रायपुर : छत्तीसगढ़ के राजनैतिक और प्रशासनिक गलियारे में रवि पटनायक की गिरफ़्तारी से ज्यादा चर्चा ED की उससे चल रही पूछताछ को लेकर हो रही है। कई अफसरों और कर्मियों के बीच रवि पटनायक की रहस्मय गिरफ़्तारी के चर्चे दिन भर रहे। बताया जाता है कि उद्द्योग विभाग में कार्यरत रवि पटनायक बीजेपी शासनकाल में कई मंत्रियो के OSD के रूप में कार्य कर चूका है। कांग्रेस शासन काल में भी उसकी तूती बोलती थी।
बताते है कि सौम्या चौरसिया समेत सरकार चलाने वाले कई वरिष्ठ अफसरों के साथ रवि पटनायक ने कामकाज के गुर सीखे थे। बताते है कि ये वरिष्ठ अफसर उसके आदर्श है। यह भी बताया जाता है कि अपनी विशिष्ट कार्यशैली और प्रशासनिक अनुभव के चलते रवि पटनायक भी कई अफसरों का विश्वासपात्र के रूप में जाना – पहचाना जाता है। ऐसे में उसकी अचानक गिरफ़्तारी कई अधिकारियो के गले नहीं उतर रही है।
रवि पटनायक पर मुख्यमंत्री के फर्जी OSD होने और कार्यालय के फर्जी सील – थप्पे का दुरुप्रयोग किये जाने का आरोप है। कई अधिकारियों और राजनेताओं के साथ करीबी संबंध के चलते रवि पटनायक मंत्रालय और प्रशासनिक गलियारे में काफी चर्चित बताया जाता है।
बताया जाता है कि रवि पटनायक को धोखाधड़ी के मामले में छत्तीसगढ़ पुलिस ने गिरफ्तार किया है। रायपुर के राखी थाने में पटनायक की गिरफ़्तारी के बाद उसे अदालत में पेश किया गया था। जहाँ से उसे न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया है। सूत्रों द्वारा बताया जा रहा कि रवि पटनायक से पूछताछ के लिए ED की एक टीम जुटी है।
बताया जाता है कि कोल परिवहन घोटाले में नामजद की गई आरोपी सौम्या चौरसिया समेत कई दागी अफसरों का वो राजदार है। लिहाजा रवि पटनायक से ED की पूछताछ को लेकर कई अफसरों की नींद उडी हुई है। बताया जाता है कि कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों और लेनदेन के प्रकरणों को लेकर रवि पटनायक जांच के दायरे में है। उस पर दर्ज धोखाधड़ी के मामले से लेकर उसकी गिरफ़्तारी के तौर – तरीके चर्चा का विषय बने हुए है।