महाराष्ट्र में फिर सियासी घमासान तेज, शरद पवार के कैबिनेट मंत्री भतीजे अजित पवार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के मामले की जांच ईडी के हवाले, बढ़ सकती हैं मुश्किलें

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नई दिल्ली / मुंबई – महाराष्ट्र में एक बार फिर सियासी घमासान तेज होता दिखाई दे रहा है | एक ओर जहाँ अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत मामले में उद्धव सरकार पर उंगलियां उठ रही है, वही प्रवर्तन निदेशालय ने राज्य के कैबिनेट मंत्री अजित पवार के खिलाफ जाँच शुरू कर दी है | बताया जाता है कि विदर्भ सिंचाई विकास निगम के तहत 12 परियोजनाओं में कथित अनियमितताओं के संबंध में महाराष्ट्र सिंचाई विभाग के विभिन्न निगमों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की गई है। यह जानकारी लगते ही राज्य में राजनैतिक घटनाक्रम में सरगर्मी दिखाई दे रही है |

ईडी के एक अधिकारी ने न्यूज़ टुडे को बताया कि एजेंसी ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों से बांध परियोजनाओं के लिए जारी किए गए टेंडर, संशोधित प्रशासनिक स्वीकृतियों और 1999 और 2009 के बीच विदर्भ सिंचाई विकास निगम, कृष्णा घाटी सिंचाई परियोजना और कोंकण सिंचाई विकास निगम से जुड़े ठेकेदारों को किए गए बिलों के भुगतान के बारे में जानकारी मांगी है। उधर ईडी के इस पत्र के बाद विभाग में खलबली मची है | कई पुरानी फाइले खंगाली जा रही है | दबी जुबान से विभागीय अफसर ही कहने लगे है कि इस जांच से अजित पवार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं | उनके मुताबिक 2012 में विभाग में अनियमितताएं सामने आने के बाद मामला दबा दिया गया था | दरअसल पूरवर्ती कांग्रेस सरकार में अजित पवार 1999 से 2009 के बीच जल संसाधन मंत्री थे। राज्य में नई सरकार के आने के बाद पिछले साल दिसंबर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने मौजूदा उपमुख्यमंत्री अजित पवार को इस मामले में क्लीन चिट दे दी थी।

इस संबंध में 27 नवंबर को उच्च न्यायालय में हलफनामा भी दायर किया गया था। इसके अगले दिन 28 नवंबर को महाविकास अघाड़ी ने राज्य में अपनी सरकार बनाई थी। वहीं उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की जलयुक्त शिवहर अभियान, जो एक जल संरक्षण परियोजना है उसकी जांच के आदेश दिए हुए हैं।

ईडी ऐसे समय पर पवार के खिलाफ जांच शुरू कर सकता है जब उनके चाचा शरद पवार भी आर्थिक मामलों को लेकर सुर्ख़ियों में है | दरअसल कुछ दिनों पहले ही मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने शरद पवार और अन्य को 25,000 करोड़ के महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंकों में अनियमितता मामले में क्लीन चिट दी थी। इस मामले में ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी। ईडी ने अदालत में ईओडब्ल्यू के इस कदम का विरोध किया था।

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उधर अजित पवार सोलापुर और पुणे जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरे पर है | इस दौरान उन्होंने न्यूज़ टुडे से ईडी की जांच पर टिप्पणी करने से मना कर दिया | हालाँकि उन्होंने कहा कि जलयुक्त शिवहर में जांच के आदेश किसी भी प्रकार के द्वेष की वजह से नहीं दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि ‘कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने मुद्दा उठाया कि अगर खुद कैग ने जलयुक्त शिवहर सवाल उठाए हैं, तो जिस महत्वाकांक्षी परियोजना पर करोड़ों रुपये खर्च किए गए, उसकी जांच होनी चाहिए। उनके मुताबिक मुख्यमंत्री ने भी एक विशेष जांच दल को इसकी जांच के आदेश सौंपे हैं।’