रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाया है। अनिल अंबानी लोन फ्रॉड मामले में ईडी ने उन्हें लेकर लुकआउट नोटिस जारी किया है। इसका मतलब है कि अब अनिल अंबानी बिना जांच अधिकारी की अनुमति के देश छोड़कर विदेश यात्रा नहीं कर सकते। यदि वे ऐसा करते हैं तो हवाई अड्डों या बंदरगाहों पर उन्हें रोका या हिरासत में लिया जा सकता है।
ईडी ने अनिल अंबानी को 5 अगस्त को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित मुख्यालय में बुलाया है, जहां PMLA (धनशोधन निवारण अधिनियम) के तहत उनका बयान दर्ज किया जाएगा। यह कार्रवाई रिलायंस समूह की कंपनियों और अधिकारियों के ठिकानों पर 24 जुलाई से शुरू हुई तीन दिन की छापेमारी के बाद की गई है। इस दौरान मुंबई में 35 से अधिक ठिकानों पर तलाशी ली गई थी।
ईडी की जांच का फोकस 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के लोन फ्रॉड पर है, जिसमें 2017 से 2019 के बीच यस बैंक द्वारा दिए गए करीब 3,000 करोड़ के लोन में अनियमितताओं की आशंका जताई गई है। सूत्रों के अनुसार, लोन की मंजूरी से पहले यस बैंक के प्रमोटर्स को संदिग्ध तरीके से फंड ट्रांसफर किया गया था।
रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को बताया कि यह मामला 10 साल पुराने लेनदेन से जुड़ा है और इसका वर्तमान बिजनेस पर कोई असर नहीं पड़ा है।
ईडी की जांच में लोन डायवर्जन, रिश्वत, और मुखौटा कंपनियों के जरिये ट्रांजेक्शन जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं। यह मामला अनिल अंबानी और उनके समूह के लिए कानूनी और कारोबारी चुनौती बनता जा रहा है।
