रायपुर /दिल्ली /मुंबई : छत्तीसगढ़ में आबकारी घोटाले को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले आबकारी महकमे के प्रमुख एपी त्रिपाठी को अदालत ने तीन दिनों की रिमांड पर ED के हवाले कर दिया है। त्रिपाठी को शुक्रवार सुबह मुंबई एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर रायपुर लाया गया था। जबकि उसका दूसरा साथी लंदन भागने में कामयाब रहा है। एजेंसियां उसकी उड़ान का अंदाज़ा लगा रही है।
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रायपुर की विशेष अदालत में गोदी प्रेस-मीडिया को चकमा देते हुए ED ने आरोपी डॉक्टर एपी त्रिपाठी को ED की हिरासत में भेज दिया। ED ने उसकी 14 दिनों की रिमांड मांगी थी। उधर,मुंबई एयरपोर्ट में एपी त्रिपाठी नाटकीय अंदाज़ में धर लिए गए। त्रिपाठी ने दुबई समेत 3 अन्य देशो में सैर-सपाटे का प्रोग्राम बनाया था। जबकि उसका दूसरा वरिष्ठ नौकरशाह साथी लंदन भागने में कामयाब रहा।
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ED अब उसकी भी सुध ले रही है,बताते है कि दोनों ने करीब 19 करोड़ की रकम आग के हवाले कर दी थी। इसके बाद रायपुर से उड़ान भरकर सीधे मुंबई और दिल्ली भाग निकले थे। त्रिपाठी के दूसरे साथी ने चंद घंटो पहले ही लंदन की उड़ान भरी थी। बताते है कि दोनों ही इस उम्र में भी इतने चंट-चालाक है कि अच्छे-अच्छे बेशर्म भी शरमा जाए।
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जानकारी के मुताबिक 20 करोड़ की नगदी स्वीकारने की एजेंसियों की पड़ताल के बीच दोनों ही धाकड़ अफसरों ने रायपुर से दिल्ली और मुंबई की विभिन्न इंटरनेशनल फ्लाइट से अलग कंपनी और अलग समय पर अपनी एक साथ तीन देशो की टिकटे बुक कराई थी। ताकि मौका मिलते ही देश से भागा जा सके। दिलचस्प बात है कि विदेश भागने के लिए गुरु को अपने चेले मुख्यमंत्री से इस बार लिखित में अनुमति मांगनी पड़ी है।
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दरअसल, ED और CBI की सक्रियता की भनक इस भूतपूर्व नौजवान नौकरशाह को काफी घंटो पहले लग चुकी थी। लिहाजा गुरु ने अपना बोरिया-बिस्तर बांध कर समय पर अपनी उड़ान भर ली। जबकि चेला गुरु के अज्ञान पर हाथ मलते रह गया।
बताते है कि ये गुरु अपने चेले को आमतौर पर हड़का कर रखता है,लेकिन इस बार गुरु ने अपने घंटाल को उसके हाल पर छोड़ मौके से नौ दो ग्यारह ही होना मुनासिब समझा। अब ज्ञानी चेला को डांट फटकार,कायदे में रह कर फायदे में रहने वाली गुरु की हिदायत को प्रसाद समझ कर तिलमिला रहा है,बगैर गुरु उसे जो मूल मंत्र दे रहे है,उसका दांव उल्टा पड़ रहा है।
राजनीति और नौकरशाही दोनों का आँखों देखा हाल सुनाने वाले दावा करते है कि गुरु चेला दोनों लंगोट के ढीले है,दोनों का मूलमंत्र यही है,”अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता।