प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने घर खरीदारों के साथ धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत दिल्ली-एनसीआर व लखनऊ में दो रियल एस्टेट कंपनियों और उनके प्रवर्तकों के करीब एक दर्जन परिसरों पर छापे मारे। डब्ल्यूटीसी बिल्डर, उसके प्रवर्तक आशीष भल्ला और भूटानी समूह सहित अन्य के खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के बाद यह कार्रवाई की गई है। इस दौरान कई अहम दस्तावेज, लैपटाॅप, मोबाइल फोन, डेस्कटॉप जब्त करने के साथ अधिकारियों ने आरोपियों से जुड़े बैंक खातों की भी जानकारी ली।
आरोप है कि डब्ल्यूटीसी बिल्डर ने निवेशकों से 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई, लेकिन पिछले 10-12 वर्षों में परियोजनाएं पूरी नहीं की हैं। ईडी की टीम ने धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत चल रही जांच के सिलसिले में दिल्ली, नोएडा, लखनऊ, फरीदाबाद और गुरुग्राम में आरोपियों के परिसरों पर छापे मारे।
लखनऊ में शहीद पथ स्थित भूटानी प्रोजेक्ट के ठिकानों पर तलाशी ली गई। नोएडा के सेक्टर-90 स्थित बिल्डर के दफ्तर और बिल्डर के सेल्स और कॉर्पोरेट ऑफिस दोनों ठिकानों पर कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में यह जांच फरीदाबाद पुलिस और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा में डब्ल्यूटीसी बिल्डर, भल्ला और भूटानी समूह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है। डब्ल्यूटीसी समूह की फरीदाबाद, नोएडा और कुछ अन्य स्थानों पर कई परियोजनाएं हैं।
भूटानी ग्रुप प्रोजेक्ट्स देश की बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों में शुमार है। कंपनी अब तक 90 लाख स्क्वायर फीट से ज्यादा निर्माण कर चुकी है। इसकी 74 से ज्यादा परियोजनाएं चल रही हैं। भूटानी ग्रुप का नाम आधुनिक कमर्शियल और रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट्स के लिए जाना जाता है।