रायपुर : छत्तीसगढ़ में कोल खनन परिवहन घोटाले में शामिल गिरोह को धर दबोचने के लिए ED ने चौतरफा अपना शिकंजा कस दिया है। रायपुर से सटे भिलाई में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके पुत्र चैतन्य बघेल के करीबी ट्रांसपोर्टर और कुछ कारोबारियों के ठिकानो पर ED की दबिश की खबर आ रही है। सूत्र बताते है कि ED ने भिलाई में छापेमारी की है, अचल भाटिया नामक शख्स की गतिविधियों को कोल खनन परिवहन खनन घोटाले के दायरे में पाए जाने के बाद ED की दबिश की खबर है। बताया जा रहा है कि ED ने भिलाई के अलावा दुर्ग, पाटन और रायपुर में कई रसूखदारों के काले कारनामो की भी पड़ताल शुरू कर दी है।
बताते है कि रायपुर में भी आधा दर्जन नए ठिकानो को जाँच पड़ताल के दायरे में लिया गया है। इसमें ज्यादातर फर्म और कंपनियां अखिल भारतीय सेवाओं के कुछ चुनिंदा अधिकारियो की उनके नाते रिश्तेदारों के नाम पर संचालित बताई जाती है।
सूत्रों के मुताबिक कोल खनन माफियाओ और आरोपियों के ठिकानो पर दबिश के दौरान ED को कई ऐसे दस्तावेजी और डिजिटल साक्ष्य हाथ लगे है, जिससे पता पड़ता है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कार्यालय ही कोल खनन परिवहन घोटाले की असल जड़ था। बताते है कि यहां पदस्थ उपसचिव सौम्या चौरसिया की निगरानी में सुनियोजित रूप से ब्लैक मनी इकठ्ठा की जा रही थी। सूत्र बताते है कि सौम्या के अलावा सत्ता प्रमुख भी अपने अधिकारों के दुरूपयोग से वाकिफ थे।
सूत्रों का दावा है कि ED के पास कई ऐसे पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध है, जिससे पता पड़ता है कि भ्रष्टाचार का उद्गम स्थल ‘पाटन-भिलाई’ में ही स्थित है। बताया जाता है कि भिलाई में कई ट्रांसपोर्टर और परिवहन कारोबार से जुड़े लोगो से पूछताछ शुरू हो गई है। यहां ED के पूर्व आयकर विभाग ने भी दबिश दी थी।
बताते है कि भिलाई और पाटन में सौम्या चौरसिया की करोडो की बेनामी संपत्ति है। बताते है कि छापेमारी में ED के साथ केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों का दस्ता मौजूद है। बताते है कि चर्चित ट्रांसपोर्टर के ठिकानो पर छापेमारी की खबर लगते ही हड़कंप है। कोल खनन परिवहन घोटाले से लाभान्वित हितग्राहियो में स्थानीय ट्रांसपोर्टर ‘राजकुमार’ की अगुवाई में ही विकास का पहिया दौड़ा रहे थे। फिरहाल पड़ताल जारी है।