रायपुर : छत्तीसगढ़ में दीपावली के मद्देनजर राहत की सांस ले रहे दागी अफसरों से ED ने फिर पूछतांछ शुरू कर दी है|सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की करीबी अफसर सौम्या चौरसिया से ED ने करीब 5 घंटे तक सामान्य तौर पर पूछतांछ की|
अफसरों की टीम ने सौम्या चौरसिया से कई ऐसे सवाल किये,जिनके साक्ष्य सूर्यकांत तिवारी,कोल कारोबारी सुनील अग्रवाल ,रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू उनके पति जेपी मौर्य और गिरफ्तार आईएएस समीर विश्नोई के ठिकानो के अलावा कुछ कारोबारियों के पास से प्राप्त हुए थे|खबरों के मुताबिक काफी टाल -मटोल और बहाने-बाजी के बावजूद सौम्या को ED के सामने आना पड़ा |
सूत्रों ने बताया कि माइनिंग,कोल कारोबार और उसके परिवहन,DMF फंड के दुरुपयोग,ब्लैक मनी और मनीलॉन्ड्रिंग से जुड़े करीब दो दर्जन सवालों पर सौम्या ने ED को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया | हालाँकि उनके ठिकानो में हुई रैड में जब्त साक्ष्यों को लेकर पूछे गए सवालों के ज्यादातर जवाब देने में वो पीछे नहीं रही|
बताया जाता है कि सौम्या चौरसिया की कार्यप्रणाली के चलते मुख्यमंत्री कार्यालय और छत्तीसगढ़ शासन की छवि लगातार धूमिल हो रही है | केंद्रीय जांच एजेंसियों से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक उनके खिलाफ कई विवादित मामले लंबित है | इनमे से ज्यादातर भ्रष्टाचार से जुड़े हुए है | बावजूद इसके सौम्या चौरसिया का मुख्यमंत्री कार्यालय में जमे रहना चर्चा का विषय बन गया है | ED की हालिया पूछतांछ से भी मुख्यमंत्री कार्यालय सुर्खियों में है |
सूत्रों द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि ED ने “चिप्स घोटाले” को लेकर भी कुछ नए सवाल उठाए थे|ये प्रकरण चिप्स में अवैध रूप से किए गए करोडो के अनुचित भुगतान और भ्रष्टाचार से जुड़े थे| बताया जाता है कि इनमे से कुछ सवालों का आधा अधूरा जवाब देकर सौम्या चौरसिया ने ज्यादातर वक्त अपना मुँह बंद रखा|कई कोशिशो के बावजूद महत्वपूर्ण सवालों से सौम्या चौरसिया का पल्ला झाड़ना ED महकमे में चर्चा का विषय बना हुआ है|
सूत्र बताते है कि सौम्या से आज हुई पूछतांछ में ED को इस रैकेट के काले कारनामो की तह तक जाने के लिए कुछ ख़ास इनपुट मिले हैं | माना जा रहा है कि इस पर जल्द ही नई कार्यवाही के आसार है |
सूत्रों की माने तो हालिया छापेमारी में बरामद साक्ष्यों से कई नए और बड़े अफसरों के खिलाफ ED पृथक से आपराधिक मामला दर्ज करने पर विचार कर रही है | इसमें अखिल भारतीय सेवाओं के ऐसे दो अफसर शामिल है,जो सूर्यकांत तिवारी के साथ “मल्टीपल बिज़नेस” में सहभागी बताए जाते है |
सूत्रों के मुताबिक उन अफसरों से सूर्यकांत की गिरफ्तारी से पहले पूछतांछ होगी या बाद में ,इस पर माथापच्ची चल रही है | ED के रुख को देखते हुए तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों भ्रष्टाचार में लिप्त कई कारोबारी अफसर ED के हत्थे चढ़ सकते है |
ED सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि हालिया छापेमारी के दौरान संदिग्ध अफसरों ने पूरी चालाकी और सतर्कता के साथ भले ही अपनी काली कमाई और उससे जुड़े दस्तावेज इधर से उधर कर दिए हो ,लेकिन कई दस्तावेजी प्रमाण पहले से ही जो उसके हाथ लग चुके है|वो प्रमाण ऐसे अफसरों की कलई खोलने के लिए पर्याप्त बताए जा रहे है |