News Today: छत्तीसगढ़ में रामगोपाल के दर्शन की आस में ED, छापे की भनक लगते ही नदारद हो गया चंदा मामा,रायपुर से दिल्ली तक हलचल तेज़…

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रायपुर / दिल्ली : छत्तीसगढ़ में कोल परिवहन खनन घोटाले की जाँच तेज़ हो गई है। अबकी बार ED ने कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल के कई ठिकानो पर छापेमारी तेज़ कर दी है। इसके अलावा मुख्यमंत्री बघेल के करीबी गिरीश देवांगन रायपुर एवं खरोरा ,प्रवक्ता आरपी सिंह रायपुर ,विधायक देवेंद्र यादव भिलाई ,विधायक चंद्रदेव राय बिलाईगढ़, सन्नी अग्रवाल स्थानीय कारोबारी रायपुर,युवा कांग्रेस नेता विनोद तिवारी रायपुर के लगभग 2 दर्जन ठिकानो में छापेमारी की है। ताजा जानकारी के मुताबिक,ED के हाथो में दस्तावेजों के अलावा कुछ खास सामग्री की जब्ती की कोई ठोस सूचना अभी तक सामने नहीं आई है। हालांकि छापो को लेकर एजेंसियों द्वारा भी कोई आधिकारिक जानकारी अभी जारी नहीं की गई है। 

उधर,छापो से राजनीति गरमाई हुई है। विधान सभा सत्र की शुरआती बेला में ही अचानक ED की छापेमारी से राजनीति में नए समीकरण अस्तित्व में नजर आने लगे है। मुख्यमंत्री बघेल ने ED के छापो को लेकर केंद्र और बीजेपी पर हमला किया है। जबकि पार्टी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि ED के छापो से कांग्रेस अधिवेशन पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। उन्होंने कहा कि पार्टी के पूर्व निर्धारित सभी कार्यक्रम तय वक्त पर होंगे। हालांकि राजनीति के जानकार बता रहे है कि मुख्यमंत्री बघेल ने जिस तर्ज पर ED,केंद्र और बीजेपी पर हमला किया है,अंदेशा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही ED करने जा रही है।

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बताते है कि जब-जब सीएम बघेल ED को लेकर हमलावर नजर आते है,तब-तब ED उनके किसी बड़े सहयोगी पर शिंकजा कसती दिखाई देती है। पूर्व में सूर्यकांत तिवारी और इसके बाद सौम्या चौरसिया पर ED की कार्यवाही के पूर्व सीएम बघेल का ऐसा ही रुख सामने आया था। लिहाजा अंदेशा जाहिर किया जा रहा है कि अबकी बार मुख्यमंत्री के लिए आखिर कौन मुसीबत का सबब बन सकता है ? छापेमारी की खबर से दिल्ली का कांग्रेसी गलियारा भी सकते में है। बताते है कि मुख्यमंत्री बघेल की करीबी अफसर और ED की आरोपी सौम्या चौरसिया की अदालत में पेश की गई चार्जशीट में ED ने एक राजनैतिक दल और उसके नेताओ को 52 करोड़ की ब्लैक मनी दिए जाने का हवाला दिया था।

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बताया जा रहा है कि 277 करोड़ की अवैध वसूली से सौम्या ने 170 करोड़ अपने जेब में डाल लिए थे। जबकि बाकि रकम कई चुनिंदा नेताओ और विधायकों के ऐशो-आराम और अपना मुँह बंद रखने के लिए बांटी जाती थी। छापो में बरामद दस्तावेजों की जांच के बाद ED ने राज्य में सरकारी संरक्षण में हो रही लूट के सबूत अदालत को सौंपे है। बताते है कि लूटपाट की रकम दिल्ली के कई नेताओ के हाथो में भी सौंपी जाती थी। एजेंसियों की पड़ताल में कुछ ऐसे कार्यकर्ताओ और हवाला कारोबारियों को ED ने रडार में लिया था,जो राज्य से निकाली जा रही ब्लैक मनी को इधर से उधर करते थे। सूत्र बताते है कि छत्तीसगढ़ के कोल खनन घोटाले की कालिख से पार्टी के कुछ चर्चित नेताओ पर भी ED का शिंकजा कस सकता है।

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कांग्रेस के बड़े सियासी मजमे के पहले रायपुर में कांग्रेसी नेताओ के भ्रष्टाचार में लिप्त होने के सबूतो के सामने आने से आलाकमान की चिंता बढ़ गई है। सूत्र बताते है कि छापो की खबर लीक होने के बाद कांग्रेस प्रदेश पार्टी प्रभारी ने फ़ौरन रायपुर का रुख किया था। बताते है कि वे ताजा घटनाक्रम को लेकर आलाकमान के संपर्क में है।यही नहीं पार्टी ने वरिष्ठ नेता तारिक अनवर को भी हालात का जायजा लेने,रायपुर भेजा है।    


इधर,बीजेपी ने कांग्रेस और उसके नेताओ पर गरीब जनता के धन और सपनो को लूटने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने बघेल के इस्तीफे की मांग की है।उन्होंने मुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाए है। रमन सिंह ने कहा कि सिंडिकेट बनाकर मुख्यमंत्री ने इस प्रदेश को लूटने-खसोटने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है,सबूतो के साथ ED कांग्रेस के 4 सालो का लेखा-जोखा अदालत को सौंप रही है।

फिलहाल,रायपुर में केंद्रीय बलो की तैनाती के बीच ED ने अपनी छापामार कार्यवाही जारी रखी है। हालांकि कुछ एक नए स्थानों में भी ED की कुछ नई टीम के दस्तक देने की खबर आ रही है। यह भी बताया जा रहा है कि दो टीम रामगोपाल अग्रवाल की खोजबीन में जुटी है।

सूत्र बताते है कि छापे की भनक लगते ही माननीय रामगोपाल अग्रवाल जी अपने ठिकानो से नौ दो ग्यारह हो गए थे। फिलहाल वो ED को ढूंढे नहीं मिल रहे है। छत्तीसगढ़ में रायपुर,धमतरी,ओडिसा के कुछ इलाको के अलावा विशाखापट्नम तक में चंदा मामा की तलाश की गई। लेकिन वे ना तो आकाश में नजर आए,और ना ही भू लोक और पाताल में।

बताते है कि “रामगोपाल” का यूँ ही यह धार्मिक नाम नहीं पड़ा। बल्कि नेता जी के पास भगवान राम और कृष्ण की तरह “गायब” होने की कोई ना कोई अलौकिक शक्ति जरूर है,वर्ना वे छू मंतर होकर रायपुर में सिविल लाइन स्थित एक संवैधानिक भवन में नहीं विराजते। News Today Chhattisgarh ने भी कांग्रेस नेता रामगोपाल अग्रवाल से संपर्क करने का प्रयास किया,ताकि हकीकत से पर्दा हट सके। लेकिन उनका मोबाइल बंद मिला।