शराब और महादेव ऐप घोटाले के आरोपियों से ED-EOW की पूछताछ शुरू, आरोपी अनिल टुटेजा ने भू-पे की असलियत जाहिर करने के लिए कसी कमर…

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में 22 सौ करोड़ के शराब घोटाले में आरोपी बनाए गए रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा 5 दिन तक ईडी रिमांड में रहेंगे। आबकारी घोटाले मामले में गिरफ्तार टुटेजा को 5 दिन ईडी रिमांड पर सौंप दिया गया है। अदालत के निर्देश पर 29 अप्रैल तक ईडी अनिल टुटेजा से पूछताछ कर सकेगी। यदि जरूरी हुआ तो PMLA कोर्ट में पेश कर ED आरोपी की रिमांड बढ़ाने की मांग अदालत से कर सकती है। अनिल टुटेजा से पूछताछ के उपरांत , ED नए संदेहियों और आरोपियों को भी धर दबोच सकती है। इसके आसार लगातार बढ़ते जा रहे हैं। सूत्रों का दावा है कि शराब घोटाले में नए आरोपियों को गिरफ्त में लेने के लिए ED की एक टीम सक्रिय हो गई है।

उधर 6 हजार करोड़ के महादेव ऐप घोटाले में EOW ने दो प्रमुख आरोपियों पप्पू ढिल्लन, त्रिलोचन सिंह ढिल्लन समेत अन्य को अपने कब्जे में लिया है। इन आरोपियों से EOW भी 29 अप्रैल तक पूछताछ कर सकेगी। उसे भी आरोपियों से पूछताछ के लिए 5 दिनों की रिमांड मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने इसके पूर्व आरोपियों को राहत देते हुए तकनीकी तौर पर शराब घोटाले के मामले को रद्द कर दिया था।

इसके साथ ही अनिल टुटेजा, यश टुटेजा और 6 आरोपियों को फौरी तौर पर राहत मिली थी। लेकिन अब आरोपियों के खिलाफ ED ने मोर्चा खोल दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ED ने ACB-EOW की FIR को आधार बनाते हुए एक नई ECIR दर्ज की है।

इस मामले में ED नए सिरे से जांच कर रही है। ED ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के बाद अदालत में शराब घोटाले का काला चिट्ठा पेश किया है। इसमें टुटेजा के “शराब कारोबार” पर तथ्यात्मक रिपोर्ट भी पेश की गई है। इसमें कहा गया है कि आरोपी टुटेजा घोटाले का हिसाब-किताब पूरी निष्ठा के साथ किया करते थे। भू-पे राज में शराब के अवैध कारोबार से कई नेताओं और अफसरों की रोजाना कमाई लाखों में थी। केस डायरी में करीब 16 पन्नों पर ED ने टुटेजा को लेकर ग्राउंड ऑफ अरेस्ट का ब्यौरा देते हुए ED ने कहा है कि शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया था।

उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा एडमिनिस्ट्रेटिव पॉवर अनिल टुटेजा से मिलता था। ED के मुताबिक शराब की बिक्री और घोटाले में टुटेजा कंट्रोलर की भूमिका में थे। ED ने उन्हें अपनी केस डायरी में आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया है। उधर तमाम शराब कारोबारियों और डिसलरी संचालकों ने पूर्व मुख्यमंत्री भू-पे पर गंभीर आरोप लगाते हुए बताया है कि तत्कालीन आबकारी अधिकारीयों ने उनकी डिसलरी पर अवैध कब्जा कर लिया था। शराब घोटाले को अंजाम देने के लिए भू-पे एंड कंपनी ने डिसलरी पर एकतरफा कब्जा कायम कर पूरे 5 साल तक खुद कारोबार संचालित किए , मालिकों को नौकर बना दिया गया था।

ED डिसलरी संचालक तसदीक करते हैं कि टुटेजा , सौम्या और भू-पे तीनों ने मिलकर राज्य की एक बड़ी आबादी को शराबी बना दिया। उधर ED सूत्रों के मुताबिक दर्जन भर से ज्यादा नए संदेहियों को समंस भेजा गया है। इन्हें EOW में दर्ज की गई FIR में भी आरोपी बनाया गया है। गौरतलब है कि शराब घोटाले में ED की ECIR और EOW की FIR में 70 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है।