दिल्ली / रायपुर : छत्तीसगढ़ में 2200 करोड़ के शराब और 600 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले की जांच में तेजी आई है। दोनों ही अलग – अलग मामलों को लेकर कई संदेही और आरोपियों पर ED – EOW का शिकंजा कसने लगा है। ताजा जानकारी के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्री भूपे बघेल के करीबी अफसर और तत्कालीन सुपर सीएम अनिल टुटेजा एंड कंपनी के कई सदस्यों पर गिफ्तारी की तलवार लटक गई है। राज्य के EOW और विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों को ब्लैक मनी खपाये जाने के श्रोतो और जमीन – जायजाद की खरीद फरोख्त को लेकर कई दस्तावेज और अहम् सबूत मिले है। प्रथम दृष्टया दस्तावेजी प्रमाण बेनामी संपत्ति से जुड़े बताये जाते है।
सूत्रों के मुताबिक अमेरिका के कैलिफोनिया और दुबई में होटल, रेस्ट्रोरेंट की खरीदी और निवेश के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामलों को लेकर एजेंसिया पूछताछ में जुटी है। इसकी भनक लगते ही यश टुटेजा भूमिगत बताये जा रहे है। जबकि अनिल टुटेजा के बेटी – दामाद दुबई की उड़ान भरने की तैयारी में बताये जाते है।
यह भी बताया जा रहा है कि EOW में अनिल टुटेजा, सौम्या चौरसिया, रानू साहू, अनवर ढेबर और सूर्यकांत तिवारी से रिमांड के दौरान हुई पूछताछ में घोटाले की रकम के इधर – उधर निवेश संबंधी कई महत्वपूर्ण सबूतों की तस्दीक भी कराई गई है। कारोबारी अनवर ढेबर के पुत्र शोएब की गिरफ़्तारी इसी कड़ी का हिस्सा बताया जा रहा है, जबकि टुटेजा पिता – पुत्र के बाद अब बेटी – दामाद भी अपराध के दायरे में खड़े नजर आ रहे है।
सूत्रों के मुताबिक एजेंसियों ने अपनी जांच में पाया है कि ढेबर बंधुओं ने दुबई में बड़ा निवेश किया है। यहाँ हवाला के जरिये भारतीय मुद्रा तब्दील भी कराई गई थी। इस रकम से दुबई में इंडियन चिली स्क्वायर के नाम से 7 स्टार होटल खोला गया है। इसके अलावा ADC प्राइवेट लिमिटेड आधिकारिक रूप से 200 हाइवा और अनधिकृत रूप से ऐसे ही कई भारी वाहनों का संचालन कर रहा है। बताते है कि ढेबर बंधुओं की इस कंपनी का संचालन चिन्टू और शिवा नामक दो व्यक्तियों की देख – रेख में संचालित किया जा रहा है।
रायपुर के फाफाडीह चौराहे में वालफोर्ट ओजोन के करीब स्थित एक होटल ब्लैक मनी के जरिये ही शोएब ढेबर के नाम पर ख़रीदा गया था। EOW इस होटल की खरीद – फरोख्त के तौर तरीको को लेकर ढेबर बंधुओं से पूछताछ में जुटी है। सूत्रों के मुताबिक आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर हैदराबाद में भी दबिश दी गई थी। लेकिन यश टुटेजा इस टीम की गिरफ्त से बच निकले। फ़िलहाल एजेंसियों की सक्रियता से राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही का रास्ता साफ नजर आ रहा है।