
दिल्ली : – बिहार में मतदाता सूची में गड़बड़ी और घपलेबाजी के कांग्रेसी और RJD के आरोपों के बीच भारत निर्वाचन आयोग ने एलान किया है कि शिकायतकर्ता शपथ पत्र के साथ अपनी आपत्ति दर्ज कराए अन्यथा आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा करने से बाज आये। चुनाव आयोग ने एक बार फिर विपक्षी नेताओं के आरोपों पर पलटवार भी किया है। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी, तेजस्वी यादव समेत तमाम नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि बिना सबूत आरोप लगाने की बजाय लिखित में शिकायत दर्ज कराएं, ताकि उचित कार्रवाई की जा सके।

भारत निर्वाचन आयोग का कहना है कि ‘एक व्यक्ति एक वोट’ का कानून 1951-1952 में भारत के पहले चुनाव से ही अस्तित्व में है। अगर किसी के पास किसी भी चुनाव में किसी व्यक्ति की ओर से दो बार मतदान करने का कोई सबूत है, तो उसे बिना किसी सबूत के भारत के सभी मतदाताओं को ‘चोर’ बताने के बजाय एक लिखित हलफनामे के साथ चुनाव आयोग के साथ साझा किया जाना चाहिए। आयोग ने विरोधी नेताओं के बयानों और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। आयोग ने कहा कि बेबुनियाद आरोपों से चुनाव ड्यूटी में तैनात लाखों कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला चुनाव आयोग ने आगे कहा कि ‘वोट चोर’ जैसे गंदे शब्दों का इस्तेमाल करके हमारे मतदाताओं के लिए एक झूठी कहानी गढ़ने की कोशिश न केवल करोड़ों भारतीय मतदाताओं पर सीधा हमला है, बल्कि लाखों चुनाव कर्मचारियों की ईमानदारी पर भी हमला है।

आयोग ने कांग्रेस एवं RJD के नेताओं को दो टूक साफ़ किया है कि शिकायतकर्ताओं से पहले भी नियमानुसार शपथ-पत्र माँगा जा चूका है, लेकिन जिम्मेदारी के साथ शिकायत दाखिल करने में बेरुखी दिखाई जा रही है। इससे पहले कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने पलटवार किया था। राहुल लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी और भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं। इस पर चुनाव आयोग ने कहा था कि अगर कांग्रेस सांसद अपने विश्लेषण पर विश्वास करते हैं और मानते हैं कि चुनाव आयोग पर उनके आरोप सही हैं, तो उन्हें शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। अगर राहुल ऐसा नहीं करते हैं, तो इसका मतलब होगा कि उन्हें अपने विश्लेषण, निष्कर्षों और बेतुके आरोपों पर विश्वास नहीं है। ऐसी स्थिति में उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। इसलिए उनके पास दो विकल्प हैं- या तो शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करें या चुनाव आयोग पर बेतुके आरोप लगाने के लिए देश से माफी मांगें।

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया था कि भारत के चुनाव आयोग और भाजपा के बीच मिलीभगत हुई थी, जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना तीसरा कार्यकाल मिला। राहुल गांधी ने कहा, ‘नरेंद्र मोदी सिर्फ 25 सीटों के अंतर से प्रधानमंत्री बने। उन्होंने आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग भाजपा को भारत में चुनावी व्यवस्था को नष्ट करने में मदद कर रहा है। चुनाव आयोग हमें महादेवपुर (कर्नाटक विधानसभा क्षेत्र) में आंकड़े नहीं दे रहा है। अगर हम अन्य लोकसभा सीटों पर भी ऐसा करें, तो हमारे लोकतंत्र की सच्चाई सामने आ जाएगी। फ़िलहाल, लोकसभा और राज्यसभा में यह मुद्दा भी गरमाया हुआ है।