Earth Rotation: धरती अपनी धुरी पर करीब 1000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती है. धरती को एक चक्कर पूरा करने में 23 घंटे 56 मिनट और 4.1 सेकंड लगते हैं. यही वजह है कि धरती के एक भाग पर दिन और दूसरे पर रात होती है. धरती अपनी धुरी पर घूमती रहती है, लेकिन हमें इसका एहसास नहीं होता है. क्या आपने सोचा है कि कभी धरती घूमना बंद कर दे तो क्या होगा? ऐसे सवालों के बीच धरती की चाल में कुछ बदलाव आया है. वैज्ञानिकों के मुकाबिक धरती की आंतरिक कोर के घूर्णन की रफ्तार में कमी आई है. इस ट्रेंड की शुरुआत 2010 के आसपास शुरू हुई. वैज्ञानिकों ने इसे लगातार मॉनिटर किया और इसके बाद एक राय बनाई है.
धरती की इनर कोर को जानिए
वैज्ञानिकों के मुताबिक धरती की आंतरिक कोर ठोस है जो लोहे और निकल से बनी है. यह हमारे ग्रह का सबसे गर्म और घना हिस्सा है, जहां का तापमान 5500 डिग्री सेल्सियस रहता है. आंतरिक कोर लगभग चंद्रमा के आकार की है और हमारे पैरों के नीचे करीब 3000 मील से अधिक दूरी पर स्थित है.
क्या बढ़ जाएंगे दिन?
शोधकर्ता धरती के इस हिस्से तक भले ही न जा सकते हों लेकिन वे भूकंप की भूकंपीय तरंगों का उपयोग करके धरती की कोर का अध्ययन कर सकते हैं. एक स्टडी के दौरान पता चला है कि पृथ्वी का आंतरिक कोर घूर्णन एक दशक से अधिक समय तक धीमा रहा. ये ट्रेंड अभी बना हुआ है. इसका असर आपके दिनों पर पड़ सकता हैं. ब्रह्मांड में आए इस बदलाव यानी धरती की आंतरिक सतह का ये ट्रेंड अंततः पूरे ग्रह के घूर्णन को बदल सकता है, जिससे हमारे ग्रह पर दिनों की संख्या बढ़ सकती है.
रिवर्स गियर?
साइंस जर्नल नेचर में प्रकाशित स्टडी रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिणी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटीके वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया है कि पृथ्वी की आंतरिक कोर पीछे की ओर जा रही है. यूएससी डोर्नसाइफ कॉलेज ऑफ लेटर्स, आर्ट्स एंड साइंसेज में अर्थ साइंस के डीन प्रोफेसर जॉन विडेल ने कहा- ‘जब मैंने पहली बार इस बदलाव का संकेत देने वाले सिस्मोग्राम देखे, तो मैं स्तब्ध रह गया.’
अगर यही ट्रेंड बना रहा तो अंततः पूरे ग्रह के घूर्णन को बदल सकता है, जिससे दिन बढ़ सकते हैं. स्डटी में शामिल प्रोफेसर विडेल ने ये भी कहा कि आंतरिक कोर की बैकट्रैकिंग एक दिन की लंबाई को एक सेकंड के अंशों तक बदल सकती है.