छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में प्रशिक्षण के दौरान एक दर्जन से ज्यादा मितानिन हुई बीमार, शिविर में परोसा गया दूषित पानी और भोजन, नहीं  की गई किसी भी प्रकार की व्यवस्था

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अंम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के लुण्ड्रा ब्लॉक के ग्राम बटवाही आदिवासी बालक आश्रम में चल रहें 100 से अधिक मितानिनों के प्रशिक्षण शिविर में दूषित जल और खराब भोजन के सेवन से आधा दर्जन से अधिक महिलाओं के बीमार होने का मामला सामने आया है।

यहाँ उल्टी और दस्त से पीड़ित आधा दर्जन से अधिक मितानिन महिलाओं को बीते रात स्वास्थ्य बिगड़ने पर ईलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथपुर भर्ती कराया गया है और उनकी स्वास्थ्य पर सुधार लाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथपुर में पदस्थ डॉक्टर समरीन रहेला के द्वारा सभी बीमार महिलाओं का ईलाज किया जा रहा है।

आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा 100 से अधिक मितानिनों का सात दिवसीय प्रशिक्षण शिविर लुण्ड्रा ब्लॉक के ग्राम बटवाही में लगाया गया है जिसमें शिविर के तीसरे दिन महिलाओं को दूषित जल और खराब भोजन के सेवन से उल्टी और दस्त की शिकायत आना शुरू हो गई और देखते ही देखते उनकी तबियत बिगने पर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। तत्काल सभी बीमार मितानिन महिलाओं को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रघुनाथपुर में भर्ती कराया गया जहां इनका इलाज किया जा रहा है।

वहीं बीमार मितानिनों ने तलब करते हुए बताया कि जहां उनका प्रशिक्षण शिविर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा ग्राम बटवाही में किया जा रहा है वहां अव्यवस्था ही अव्यवस्था है। यहां रात्रि होने के बाद प्रकाश के लिए लाइटिंग की व्यवस्था भी नहीं है जिससे उन्हें रात के अंधेरे में बिना लाइट के रहना पड़ता है और उन्हें काफी भय भी सताते रहता है। दूसरी तरफ उन्हें दूषित पानी और खराब भोजन भी दिया जा रहा है जिससे उनकी स्वास्थ्य लगातार खराब हो रही है उन्होंने इसकी शिकायत अपने वरिष्ट अधिकारियों से भी की है लेकिन उनके द्वारा कोई सुध नहीं ली रहीं है।

मितानिनों ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशिक्षण में आए हुए हैं जिन~जिन मितानिन महिलाओं का स्वास्थ्य खराब हो रहा है उन्हें इलाज के लिए तत्काल रिफर किया जा रहा है। पूरे मामले की पुष्टि करते हुए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉक्टर समरीन रहेला ने बताया कि हमारी टीम के द्वारा लगातार आधा दर्जन से अधिक मितानिन महिलाएं जो उल्टी और दस्त से ग्रसित हुई हैं। उनका ईलाज किया जा रहा है ताकि उनकी सेहत और न बिगड़े।

बहरहाल मामले में अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी जिनके द्वारा 100 से अधिक मितानिन महिलाओं का स्वास्थ्य संबंधित प्रशिक्षण शिविर का आयोज किया गया है वहां उनके लिए जो व्यवस्था की गई थी उनमें लापरवाही बरतने वाले और दूषित और खराब भोजन देने वाले संबंधितों के विरुद्ध क्या कुछ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित हो पाती है या इसे मितानिनों के ईलाज के बाद मामलें को दबा दिया जाता है।