रायपुर / लॉकडाउन के दौरान छत्तीसगढ़ की कई शराब दुकानों में चोरों ने हाथ साफ किया था | लेकिन अनलॉक के दौरान भी ऐसी ही वारदाते सामने आ रही है | फर्क सिर्फ इतना है कि इस बार सरकारी चोरों ने अपना हूनर दिखाया है | गंभीर बात यह है कि रायपुर की चंद दुकानों में ही करोड़ो का गबन किया गया | ऐसे में राज्य के बाकि जिलों का क्या हाल होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है | यह भी गौरतलब है कि गबन का मामला सामने आने के बावजूद विभाग उसे रफा दफा करने में जुटा है | रायपुर जिले की लगभग आधा दर्जन शराब दुकानों में तीन करोड़ 87 लाख रुपए की हेराफेरी पाई गई है |

अधिकारीयों ने जब स्टॉक पंजीयन का मिलान किया तो यह हेराफेरी सामने आई। इस मामले में विभागीय अधिकारीयों की मिली भगत भी सामने आई है | जानकार बता रहे है कि बिना विभागीय अधिकारीयों की सहमति से इस गबन को अंजाम नहीं दिया जा सकता | इधर, आबकारी अधिकारी सारा आरोप ठेका कंपनी पर डाल रहे है | उनके मुताबिक गबन की राशि वसूली ठेका कंपनी से की जाएगी | बताया जाता है कि हाल ही में कुछ अफसरों ने लेखा जोखा देखने के बाद सरकारी शराब दुकान में तीन करोड़ 87 लाख रुपए के गबन का प्रतिवेदन विभाग को दिया है।

इस प्रतिवेदन के बाद आबकारी अमले ने अपने और ठेका कर्मचारियों से पूछताछ भी की है। रायपुर जिले में सरकारी शराब दुकानों में गबन का यह सबसे सुनियोजित बड़ा मामला है। जानकारी के मुताबिक पंडरी, हीरापुर समेत आउटरों की कुछ दुकानों में करोड़ों रकम की हेराफेरी की गई है। बताया जा रहा है कि जिला समन्वयक ने जब इन दुकानों का भौतिक सत्यापन किया तो स्टॉक पंजी में हेराफेरी पकड़ी गई | समन्वयक द्वारा इन शराब दुकानें से माइनस की रिपोर्ट आबकारी विभाग को सौंपी गई।

उधर कुछ अफसरों ने इसे आपराधिक प्रकरण बताते हुए एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश की है | लेकिन पुलिस जाँच में और कोई नया घोटाला सामने ना आ जाये, इस डर से विभाग FIR दर्ज कराने से पीछे हट रहा है | उधर रायपुर आबकारी विभाग के उपायुक्त अरविंद पटले ने कहा कि अभी रिकवरी नोटिस जारी कर कंपनी को जल्द रकम चुकाने के निर्देश दिए गए हैं। उनके मुताबिक प्लेसमेंट कंपनी पर कार्रवाई के लिए शासन के निर्देश का इंतजार किया जा रहा है।