दिल्ली / काशी / प्रयागराज : आज कार्तिक पूर्णिमा पर साल का आखिरी चंद्र ग्रहण है। इसका सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व है। पूजा -पाठ के साथ चंद्र ग्रहण पर विभिन्न अनुष्ठान किये जाने की परम्परा है। लेकिन इस पर्व पर अब आधुनिकता की छाप भी तेजी से नजर आ रही है। देश भर में इस दिन को यादगार बनाने के लिए होड़ मंची है। नौजवान पीढ़ी और खुले विचारों वाले परिवार साल का आखिरी चंद्र ग्रहण मौज -मस्ती से मना रहे है। उन्हें ग्रहण के सूतक काल और धार्मिक अनुष्ठानों से किनारा करते देखा जा रहा है।
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हिमाचल की वादियों से लेकर कश्मीर की घाटी तक इस बार ग्रहण का नया रंग दिखाई दे रहा है। लोगों ने इस पर्व की धार्मिक छठा पर आधुनिकता का ऐसा तड़का लगाया है कि नदी किनारे जश्न का चलन जोर पकड़ रहा है। इसने होटल कारोबार को नया बाजार दिया है। दरअसल कोरोना काल के लगभग ढाई साल बाद जश्न पार्टियों पर लगा ब्रेक ग्रहण के प्रभाव से हटता नजर आ रहा है।
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चंद्र ग्रहण भारत में ज्यादातर हिस्सों में आंशिक रूप से दिखाई देगा। लेकिन कई राज्यों के बड़े शहरों में इसे खास अंदाज में सेलिब्रेट किया जा रहा है। यहाँ नदी, तालाबों और बाग़ – बगीचों में सुबह से ही पिकनिक मनाने वालो की भीड़ जुटी है। नदी के तटों पर कई किस्म के पकवान और खाने – पीने की वस्तुएं बन रही है। हालांकि घर के बुजुर्ग भी इस जश्न में शामिल है, लेकिन वे पूजा -पाठ का थाल सजाते नजर आये।
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आज देश में सिर्फ अरुणाचल प्रदेश में पूर्ण चंद्र देखने को मिलेगा। यहाँ देश भर से सैलानी चंद्र ग्रहण का लुफ्त उठाने जुटे है। कई होटलों और रिसॉर्ट में नाईट पार्टी आयोजित की गई है। यहाँ भी ग्रहण के सूतक काल से किसी का कोई लेना – देना नजर नहीं आ रहा है। हरियाली के बीच सुबह से डांस पार्टी चल रही है।
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पंचांग के अनुसार, आज चंद्र ग्रहण से 09 घंटे पहले सूतक काल लग जाएगा। यह ग्रहण आज मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लग रहा है। लेकिन इस राशि के कई लोग भी यहाँ मस्ती में झूम रहे है। आज सुबह से ही शराब दुकानों में भारी भीड़ नजर आ रही है।
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पंचांग के मुताबिक साल का आखिरी चंद्र ग्रहण शाम 06 बजे शुरू होकर 19 मिनट तक चलेगा। यह ग्रहण भारत के कुछ राज्यों में आंशिक रूप से दिखाई देगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब भी ग्रहण होता तो इसका शुभ-अशुभ प्रभाव जरूर देखने को मिलता है। लेकिन नई पीढ़ी के ज्यादातर लोगो को इससे भी कोई लेना देना नहीं है।
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यहाँ पर्यटकों से बातचीत करने पर पता चला कि जिन 12 राशियों पर इस ग्रहण का प्रभाव पड़ेगा, बातचीत में वही राशि के कई लोग इस थ्योरी का मजाक उड़ाते नजर आये।
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अयोध्या, बनारस और प्रयागराज में कार्तिक पूर्णिमा की धार्मिक और सांस्कृतिक छटा देखने को मिली। यहाँ आधी रात से ही हजारो लोग माँ गंगा के आँचल में समां गए। ठंड के बावजूद उनकी धार्मिक आस्था उफान पर नजर आई।
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मन्त्र – पाठ और जप -तप से पूरा घाट जगमग हो रहा था। हवन कुंड से आहुतियां उठ रही थी। पंच तत्वों की खुशबू के बीच वातावरण में राम नाम के स्वर गूंज रहे थे। वाकई, इन घाटों में मानसिक और आत्मिक शांति का योग सहज ही लोगों को अपनी ओर खींचता दिखाई दिया।