
रायपुर : – प्रवर्तन निर्देशालय ED ने अवैध सट्टेबाजी एप्प से जुड़े धंसोधन मामले में जहाँ क्रिकेटर युवराज सिंह, रोबिन उथप्पा, अभिनेता सोनू सूद और TMC की पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती की करोड़ों की सम्पति कुर्क की है, वही छत्तीसगढ़ में पुलिस तंत्र में फैले महादेव एप्प सट्टेबाजी की जड़ों पर कार्यवाही के लिए उसकी मुहीम का इंतजार किया जा रहा है। राज्य के पुलिस तंत्र में सट्टेबाजी के नए गिरोह के सामने आने के बाद सिर्फ पुलिस ही नहीं बल्कि सरकार की छवि भी दांव पर है। होटल कारोबारी दीपक टंडन बनाम DSP कल्पना वर्मा मामले में महादेव एप्प सट्टेबाजी के पैनल चलाने की कवायत से जुडी चैट संगीन अपराधों की श्रेणी में बताई जाती है।

अब यह भी खुलासा हुआ है कि दुबई में बैठे महादेव एप्प सट्टे के मुख्य कर्ता – धर्ता सौरभ चंद्राकर से भी DSP कल्पना वर्मा ने अपना कनेक्शन स्थापित कर लिया था। उसकी सौरभ चंद्राकर से मेल – मुलाकात फिक्स करने को लेकर 2001 बैच के आईपीएस आनंद छाबड़ा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। सूत्रों के मुताबिक DSP कल्पना वर्मा की सहायता के लिए आनंद छाबड़ा ने शिमला और कोलकाता की यात्राएं भी की थी। बताया जाता है कि इसी साल अप्रैल माह में अमृतसर में पुलिस ट्रेनिंग का हवाला देकर कल्पना वर्मा ने दंतेवाड़ा से अमृतसर – शिमला तक दस्तक दी थी। हालांकि इस ट्रेनिंग को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी अभी तक नहीं प्राप्त हो पाई है। इन यात्राओं को लेकर DSP कल्पना वर्मा की ओर से भी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो पाई, जबकि आईपीएस आनंद छाबड़ा का मोबाईल भी स्विच ऑफ प्राप्त हुआ।

एक जानकारी के मुताबिक सटोरिये से मीटिंग को लेकर उस वक्त खुद आनंद शिमला में उपस्थित थे। उन्होंने यहाँ DSP कल्पना वर्मा की मुलाकात किसी सटोरिये से करवाई थी। जबकि कोलकाता की यात्रा भी अन्यत्र तिथि की बताई जाती है। इस दौरान ”दीघा” समुद्र किनारे खींची गई DSP कल्पना वर्मा की ये तस्वीर भी सामने आई है।

बताया जाता है कि दुबई ट्रिप प्लान की मंजूरी भी आनंद छाबड़ा ने तय की थी। हालांकि दीपक और कल्पना के बीच इसी दौर में विवाद शुरू होते ही यह यात्रा भी स्थगित हो गई थी। दुबई ट्रिप की तैयारी से जुड़ी इस चैट में DSP कल्पना वर्मा लिखती है, दुबई जाने का, बिजनेस का, सब तो प्लान करती हूँ। यह भी बताया जाता है कि महादेव एप्प सट्टा पैनल के संचालन के लिए DSP कल्पना वर्मा ने ”दुबई” ट्रिप का प्लान खुद बा खुद तैयार कर इसकी पेशकश दीपक से की थी। लेकिन रातों – रात करोड़पति बनने के मामले में कारोबारी दीपक टंडन को गड़बड़ झाला नजर आया और उसने अपने कदम पीछे खींच लिए थे।

गौरतलब बताया जाता है, सवाल उठ रहा है कि नक्सल प्रभावित दंतेवाड़ा में तैनात छत्तीसगढ़ पुलिस की DSP आखिर किस कारोबार के सञ्चालन के लिए दुबई जाने की फ़िराक में थी ? क्या पुलिस मुख्यालय ऐसे कारोबार की इजाजत देता है ? सवाल तो यह भी उठ रहा है। इसके पूर्व एक अन्य चैट में भी ऐसी ही दास्तान सामने आई है।

इसमें भी काम कुछ नहीं और लाखो की कमाई का सपना संजोया जा रहा है। यह चैट भी दंतेवाड़ा में महादेव एप्प सट्टा पैनल के सञ्चालन की नींव रखने से जुडी बताई जाती है। हालांकि दीपक टंडन यह भी दावा करते है कि उन्होंने ऐसे अवैध कारोबार पर जरा भी रूचि नहीं ली और अपराधों के साथ – साथ DSP कल्पना वर्मा से भी किनारा कर लिया था।

छत्तीसगढ़ में पुलिस महकमे के भीतर महादेव एप्प सट्टा कारोबार की नींव भू – पे राज में तत्कालीन खुफियां प्रमुख आनंद छाबड़ा और 2005 बैच के आईपीएस शैख़ आरिफ ने रखी थी। इस कारोबार के चल निकलने से पुलिस तंत्र के भीतर बतौर प्रोटेक्शन मनी नगद रकम पाने के चक्कर में दर्जनों थानेदारो से लेकर एसएसपी और IG जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की होड़ लग गई थी।

सीबीआई ने आनंद छाबड़ा और शैख़ आरिफ समेत आधा दर्जन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। लेकिन दागी अफसरों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही सिर्फ छापेमारी तक ही सीमित रही। बताते है कि बीजेपी शासन में इन अफसरों की सिर्फ कुर्सी बदली है, कारोबार नहीं।

छत्तीसगढ़ पुलिस तंत्र के भीतर सट्टा सञ्चालन और ड्रग्स के कारोबार में कतिपय आईपीएस अधिकारियों की संलिप्ता सामने आने के बावजूद उनके खिलाफ कोई वैधानिक कार्यवाही नहीं होने से ईमानदार और अनुशासन प्रिय अधिकारियों के मनोबल पर विपरीत प्रभाव भी देखा जा रहा है।

इस बीच दीपक टंडन बनाम DSP कल्पना वर्मा मामले ने महादेव एप्प सट्टा में पुलिस अधिकारियों की भूमिका का काला चिट्ठा एक बार फिर खोल दिया है। DSP कल्पना वर्मा की ज्यादातर चैट आर्थिक अपराधों की ओर भी इशारा कर रही है।

प्यार के सौदे और सिर्फ वर्दी ही नहीं बल्कि पद और प्रभाव से जुड़े प्रकरण भी इस विवाद में ”प्याज के छिलको” की तर्ज पर लगातार सामने आ रहे है। इसे खाकी वर्दी पर लगते दाग की बानगी के रूप में देखा जा रहा है। मामला संगीन है, IG रायपुर रेंज के निर्देशों के बाद निष्पक्ष जाँच जारी बताई जाती है।

DSP कल्पना वर्मा और दीपक टंडन जाँच अधिकारियो के समक्ष अपनी – अपनी दलीले पेश कर रहे है। जबकि विवादों से घिरी DSP कल्पना वर्मा के फ़ौरन निलंबन में बरती जा रही लेट – लतीफ़ी कई सबूतों के साथ छेड़ – छाड़ और गवाहों को प्रभावित किये जाने के आसार भी जताए जा रहे है।






