अयोध्या: रामलला की पूजा-अर्चना करने वाले पुजारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। राममंदिर के पुजारी अब सफेद धोती व पीली चौबंदी में नजर आएंगे। ट्रस्ट की ओर से जल्द ही सभी पुजारियों को ड्रेस उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही रामलला की पूजा-अर्चना करने वाले सभी 25 पुजारियों को राममंदिर ट्रस्ट की ओर से की-पैड फोन दिया गया है। पुजारी राममंदिर में अब केवल की-पैड वाले फोन का ही इस्तेमाल कर सकेंगे, एंड्राॅएड फोन के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
शुक्रवार को राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने नए पुजारियों के साथ बैठक कर उन्हें राममंदिर की आचार संहिताओं से परिचित कराया। इसी क्रम में ड्रेस कोड भी लागू कर दिया गया है। ट्रस्ट की ओर से पुजारियों को तीन सेट गर्मी के लिए व तीन सेट ठंडी के लिए ड्रेस उपलब्ध कराई जाएगी। राममंदिर में पुजारियों के लिए एंड्रॉएड फोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी गई है। ट्रस्ट ने पुजारियों को की-पैड वाले फोन दे दिये हैं।
पुजारी राममंदिर में इसी फोन का इस्तेमाल बात करने के लिए करेंगे। जबकि उनके एंड्रायड फोन को मंदिर में बने लॉकर रूम में जमा करा दिया जाएगा। मंदिर में फोटोग्राफी, वीडियो बनाने की सख्त मनाही है। राममंदिर के पुजारी प्रेमचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि पुजारियों के लिए ड्रेस कोड लागू कर दिया गया है। ड्रेस ट्रस्ट की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। सभी पुजारियों को की-पैड वाले फोन भी प्रदान किए गए हैं।
राममंदिर में पूजा-सेवा करने के लिए निर्धारित किए गए रोस्टर से भी पुजारियों को अवगत करा दिया गया है। सभी पुजारियों को जारी किए गए रोस्टर की एक-एक प्रति उपलब्ध करा दी गई है। नए पुजारी पुराने पुजारियों के साथ रोस्टर के अनुसार ही पूजा-पाठ करेंगे। जो पुजारी गर्भगृह में लगाए गए हैं उनकी ड़्यूटी आठ से 10 घंटे की होगी। जबकि कुबेर टीला, यज्ञ मंडपम, अस्थायी मंदिर में विराजमान हनुमान जी की पूजा-अर्चना के लिए रोस्टर अलग होगा। यहां चार से छह घंटे के लिए पुजारियों को लगाया जाएगा। यह व्यवस्था 22 जुलाई से प्रभावी होगी।
संघ के शीर्ष प्रचारक भैया जी जोशी बृहस्पतिवार की देर शाम अयोध्या पहुंचे। उनके साथ उनके परिजन भी अयोध्या पहुंचे थे। उन्होंने शुक्रवार की सुबह रामलला के दरबार में हाजिरी भी लगाई। दर्शन-पूजन कर मंदिर निर्माण के लिए चल रहे कार्यों को भी देखा। राममंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय सहित अन्य ट्रस्टियों के साथ बैठक कर मंदिर निर्माण कार्यों की प्रगति भी जानी। चंपत राय ने उन्हें बताया कि निर्धारित समय सीमा के हिसाब से ही मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति पर है।