अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने विवादास्पद बयान से अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में हलचल मचा दी है। रविवार को एक चुनावी जनसभा में बोलते हुए ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसे हालात को एक फोन कॉल से टाल दिया था। इतना ही नहीं, अब वे थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते सीमा तनाव को भी ‘ट्रेड डिप्लोमेसी’ के ज़रिये हल करने में जुटे हैं।
“जब तक लड़ाई नहीं रुकेगी, व्यापार नहीं होगा”
ट्रंप ने कहा, “थाईलैंड और कंबोडिया के साथ अमेरिका के गहरे व्यापारिक रिश्ते हैं। मैंने दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों से साफ कहा कि जब तक आपस में लड़ाई नहीं रुकती, तब तक कोई भी व्यापारिक समझौता आगे नहीं बढ़ेगा।”
उन्होंने आगे जोड़ा, “भारत और पाकिस्तान युद्ध की तैयारी में थे, लेकिन मेरी पहल पर दोनों पीछे हटे। यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि मैं व्यापार के ज़रिए शांति कायम कर सकता हूं।”
भारत का ट्रंप के दावे पर हमेशा रहा मौन
यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया है। राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी वे कई बार कह चुके हैं कि उन्होंने दक्षिण एशिया में तनाव कम करने में अहम भूमिका निभाई। हालांकि भारत सरकार ने कभी उनके इन दावों का समर्थन नहीं किया और स्पष्ट किया कि भारत अपने द्विपक्षीय मुद्दों पर किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं स्वीकार करता।
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा विवाद पर सवाल
हाल के महीनों में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद फिर से उभरने लगा है, हालांकि किसी युद्ध की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। ट्रंप ने इस विवाद में भी अपनी भूमिका की बात कहकर अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में व्यापार को हथियार की तरह इस्तेमाल करने की रणनीति को एक बार फिर सामने रखा है।
राजनीतिक हलकों में बहस तेज
ट्रंप के इस बयान को लेकर राजनीतिक और कूटनीतिक हलकों में तीखी बहस छिड़ गई है। एक ओर जहां उनके समर्थक इसे ‘प्रभावशाली नेतृत्व’ मान रहे हैं, वहीं आलोचक इसे बिना आधार के प्रचारात्मक दावा बता रहे हैं।
