
वॉशिंगटन। अमेरिका में एक बड़ी घटना ने राजनीतिक माहौल को हिला दिया है। रूढ़िवादी कार्यकर्ता और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के करीबी सहयोगी चार्ली किर्क की बुधवार को यूटा वैली यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई। किर्क मात्र 31 वर्ष के थे और वे युवा संगठन टर्निंग पॉइंट यूएसए के सीईओ और सह-संस्थापक भी थे।
यह हमला उस समय हुआ जब चार्ली किर्क अपने संगठन द्वारा आयोजित बहस में शामिल थे। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में उन्हें सफेद तंबू के नीचे दर्शकों से संवाद करते हुए देखा जा सकता है, तभी गोली चलने की आवाज आती है और अफरा-तफरी मच जाती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घटना पर गहरा दुख जताया और कहा कि, “अमेरिका में युवाओं के दिल को चार्ली से बेहतर कोई नहीं समझता था। वह सच्चे अमेरिकी देशभक्त थे।” ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर पोस्ट करते हुए उनकी पत्नी एरिका और परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और पूरे अमेरिका में रविवार शाम 6 बजे तक झंडे आधे झुकाने का आदेश दिया।
एफबीआई निदेशक काश पटेल ने जानकारी दी कि एक संदिग्ध को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई, लेकिन बाद में उसे रिहा कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जांच अभी जारी है और सभी तथ्य सामने लाए जाएंगे।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यह घटना अमेरिका में बढ़ती राजनीतिक हिंसा की गंभीरता को दर्शाती है। हाल के वर्षों में वामपंथी और दक्षिणपंथी दोनों ही विचारधाराओं से जुड़ी हिंसा में तेजी आई है। चार्ली किर्क की हत्या ने इस बहस को और तेज कर दिया है कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए राजनीतिक संवाद में संयम और शांति कितनी जरूरी है।