
दिल्ली / रायपुर : क्या अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप किसी न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के शिकार हो गए है, इस गंभीर बीमारी के चलते कई बार लोग उल – जलूल हरकतें भी करते नजर आते है। एक खास उम्र में होने वाली यह बीमारी मरीज के मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और तंत्रिकाओं को बुरी तरह से प्रभावित कर असहज स्थितियों में ला खड़ा करती है। डॉक्टरों के मुताबिक ये स्थितियां कई प्रकार की हो सकती हैं, जिनमें मस्तिष्क में संक्रमण, चोट, ट्यूमर, और न्यूरोडीजेनेरेटिव विकार पैदा करती है। इस रोग से ग्रसित व्यक्ति कई बार पागलपन के शिकार हो जाते हैं।

छत्तीसगढ़ सिविल सोसाईटी के चेयरमेन डॉक्टर कुलदीप सोलंकी ने अंदेशा जाहिर किया है कि अमेरिकी राष्ट्र्पति के लक्षण और फैसले अप्रत्याशित है, उन्हें किसी गंभीर बीमारी ने अपनी चपेट में ले लिया है। उन्होंने कहा कि भारत सस्ते ईलाज के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। ट्रंप के ईलाज पर जोर देते हुए छत्तीसगढ़ सिविल सोसाईटी ने उनके फ्री इलाज की पेशकश की है।

सोलंकी ने कहा कि ट्रंप के टैरिफ बढ़ाने के फैसले से अमेरिका में दवाइयां और उपचार महंगा हो जायेगा। यहाँ भारतीय मूल की बड़ी आबादी निवासरत है। भारत पर निर्यात कर बढ़ाने से अमेरिकी सोसाईटी को महंगे इलाज का सामना करना पड़ेगा। डॉ सोलंकी ने कहा कि एक मात्र ट्रंप के इलाज से पूरी दुनियां को भारतीय दवाओं का फायदा मिलेगा। उनके मुताबिक ट्रंप के मात्र इलाज से भारत, अमेरिकी संबंधो में सुधार की उम्मीद भी नजर आने लगेगी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत सहित विभिन्न देशों को लगातार टैरिफ आयात शुल्क के नाम पर धमकाने और आर्थिक दवाब बनाने की कोशिशों की छत्तीसगढ़ सिविल सोसाइटी ने तीखी निंदा की है।सीसीएस ने ट्रंप की मानसिक स्थिति पर गहरी चिंता जताते हुए उन्हें निःशुल्क इलाज का प्रस्ताव दिया है। सीसीएस के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने एक पत्र के माध्यम से राष्ट्रपति ट्रंप को सूचित किया है कि वे स्वयं को सिर्फ अमेरिका का नहीं, बल्कि पूरे विश्व का प्रेसिडेंट मानने की भूल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ट्रंप के बयानों और निर्णयों में बाइपोलर डिसऑर्डर और मेगालोमानिया महत्वाकांक्षा से ग्रसित मानसिक दशा जैसे लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं। यदि समय रहते इस बीमारी का इलाज न कराया गया, तो यह अमेरिका ही नहीं, वैश्विक शांति के लिए भी गंभीर खतरा बन सकता है।

डॉ. कुलदीप सोलंकी ने बताया कि संस्था की टीम में अनुभवी साइकेट्रिस्ट, साइकोलॉजिस्ट और ब्रेन हेल्थ स्पेशलिस्ट शामिल हैं, जो ट्रंप का संपूर्ण मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन और इलाज निशुल्क करने को तैयार हैं। यह मानवीय आधार पर समाज सेवा का नया चेप्टर संस्था द्वारा खोला गया है, इसके तहत देश -विदेश के कई शक्तिशाली नेताओं के स्वास्थ्य पर ध्यान दिया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं संचालित की जा रही है। इसका लाभ अमेरिका को भी प्राप्त होगा।

हाल ही में राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 50 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा की है। इसका सीधा असर भारतीय निर्यातकों और उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। सबसे ज्यादा असर मेडिकल सुविधाओं में पड़ने के आसार है। जो दवाएं अमेरिका में पहले 100 डॉलर में पड़ती थी, वह अब उपभोक्ताओं को 150 डॉलर में प्राप्त होगी। एक जानकारी के मुताबिक अमेरिकी बाजार में भारतीय दवा उत्पाद की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी बताई जाती है। जबकि जेनरिक दवाओं में भी भारतीय कंपनियों ने प्रतिस्पर्धा में शामिल होकर लगभग 70 फीसदी मार्केट शेयर पर अपना कब्ज़ा जमाया है। यही नहीं सस्ती और गुणवत्ता वाली दवाओं की खरीदी में अमेरिकी नागरिकों ने भी खासी रुचि दिखाई है। जाहिर है ट्रंप के गलत फैसलों से दवाओं के निर्यात में गिरावट के आसार है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि सस्ती दवाओं की मांग को लेकर अमेरिकी जनता का राष्ट्र्पति ट्रंप पर दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।