रायपुर/रांची/जयपुर/बंगलुरु: देश के 4 राज्यों में जारी छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरा (एसीबी) की छापामार कार्यवाही अब ख़त्म होती नजर आ रही है। हालांकि इन छापो में बरामद संपत्ति का आधिकारिक ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है। इस बीच बताया जा रहा है कि छापे में बड़े पैमाने पर ऐसे दस्तावेज मिले है, जिससे पता पड़ता है कि आरोपियों ने घोटाले की काली कमाई को वाइट करने के लिए इस रकम का बड़ा हिस्सा अपने नाते-रिश्तेदारों और परिचितों के नाम निवेश करने में भी कोई कसर बाकि नहीं छोड़ी थी। ज्यादातर अफसरों ने अपनी काली कमाई ससुराल पक्ष के नाम कर रखी है। ब्लैक एंड वाइट के इस खेल को पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की तत्कालीन उप सचिव सौम्या चौरसिया ने बड़े ही सुनियोजित रूप से अंजाम दिया था।

इस डिप्टी कलेक्टर की तर्ज पर दो आईएएस अधिकारियों समीर बिश्नोई और रानू साहू ने भी अरबो की संपत्ति अपने नाते-रिश्तेदारों के नाम कर रखी थी। राज्य के 700 करोड़ के कोल खनन परिवहन घोटाले में EOW ने छत्तीसगढ़ के अलावा राजस्थान, बेंगलुरु और झारखंड में 24 जगहों पर शुक्रवार को छापा मारा था। ये सभी ठिकाने अवैध कोयला परिवहन मामले में भ्रष्टाचार के केंद्र बिंदु के रूप में अस्तित्व में आये थे। निलंबित आईएएस समीर बिश्नोई, रानू साहू और राज्य प्रशासनिक सेवा की सौम्या चौरसिया के जेल में बंद होने के बावजूद इन ठिकानों से उनके नाते-रिश्तेदारब्लैक एंड वाइट के खेल को अंजाम दे रहे थे। EOW अब उन नाते-रिश्तेदारों की भी खबर ले रहा है।

जानकारी के मुताबिक एसीबी को पुख्ता जानकारी हासिल हुई है कि घोटाले की रकम का बड़ा हिस्सा दागी अफसरों ने अपने नाते-रिश्तेदारों के नाम पर निवेश के रूप में इस्तेमाल किया था। EOW ने निलंबित आईएएस बिश्नोई के ससुराल पक्ष की आर्थिक स्थिति का आंकलन किया है। समीर के ससुराल, राजस्थान के अनूपगढ़ में व्यापारी गौरव गोदारा के ठिकानों में छापे की कार्यवाही ख़त्म हो गई है। इसी तर्ज पर रायगढ़ की पूर्व कलेक्टर और निलंबित आईएएस रानू साहू के रिश्तेदारों की भी 5 वर्ष पूर्व की आर्थिक स्थिति सामने आई है। रानू के मायके में बड़े पैमाने पर जमीन की खरीद फरोख्त की गई थी। यह निवेश निलंबित कलेक्टर ने अपनी माँ, भाई और अन्य परिजनों के नाम कर रखा था।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल की तत्कालीन उपसचिव सौम्या चौरसिया ने भी अपने कई नाते-रिश्तेदारों व करीबी ठेकेदारों तक ब्लैक मनी निवेश की थी। सौम्या का मायका, रिश्तेदार: बुआ के घर झारखंड के जमशेदपुर छापा मारा गया। उनके करीबी ठेकेदारों के बेंगलुरु के निवास पर भी दबिश दी गई। बताते है कि सौम्या की बुआ के बेटे अनुराग चौरसिया, बेंगलुरु में सौम्या के एक अन्य भाई के घर भी जांच की गई। सूत्रों के मुताबिक छापामार कार्यवाही के दौरान कई जगह से प्रॉपर्टी के दस्तावेज मिले हैं। इसके अलावा मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी जब्त किए गए हैं।

EOW ने दुर्ग में 8 और रायपुर में 5 जगह रेड की थी। दुर्ग-भिलाई में ये सभी 8 ठिकाने सौम्या चौरसिया के बताये जाते है। जबकि रायपुर में 5 और महासमुंद में 3, कोरबा, रायगढ़, गरियाबंद में 1-1 जगह छापे मारे गए थे। इसमें सौम्या से जुड़े होटल कारोबारी अनिल पाठक, सौम्या की 80 वर्षीय मां के नाम 50 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक आरोपी की बीमार माता के आय के श्रोत कुछ भी नहीं है। इसी तर्ज पर सौम्या के पीए मनीष उपाध्याय के अलावा उनके कई नौकरों और करीबी रिश्तेदारों के नाम निवेश की जानकारी सामने आई है।

छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में निलंबित आईएएस रानू साहू के मायके पक्ष में भी अरबो की संपत्ति की खरीद फरोख्त का खुलासा हुआ है। गरियाबंद के पांडुका गांव में उनके भाई और माँ के नाम बड़े पैमाने पर जमीने खरीदी गई। जबकि 5 वर्ष पूर्व आरोपियों की आर्थिक स्थिति बेहद सामान्य पाई गई थी। रानू का मायका और रिश्तेदारों के यहाँ भी छापामार कार्यवाही ख़त्म हो चुकी है।

महासमुंद, कोरबा के ठेकेदार एमएस पटेल और रायगढ़ में ट्रांसपोर्टर नवनीत तिवारी के घर छापे में कई दस्तावेजों की बरामदगी सामने आई है। बताते है कि सौम्या और रानू के करीबी नवनीत के घर ताला लगा पाया गया था। लिहाजा EOW की टीम ने नवनीत के चाचा और भाई सूरज से पूछताछ की है। फ़िलहाल इस कार्यवाही में बरामद संपत्तियों को लेकर EOW ने आधिकारिक तौर पर अभी कोई जानकारी मीडिया से साझा नहीं की है।