मेडिकल बिल का भुगतान जमा ना करने पर डाक्टरों ने बुजुर्ग मरीज को बेड पर बांध दिया , फोटों वायरल होने के बाद अस्पताल सील, हॉस्पिटल का मेडिकल रजिस्ट्रेशन भी रद्द , अमानवीय घटना के बाद सफाई देने में जुटा अस्पताल प्रशासन

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शाजापुर वेब डेस्क / मध्यप्रदेश के शाजापुर जिले के एक अस्पताल में एक बुजुर्ग के साथ मेडिकल कर्मियों और अस्पताल के ऑनर ने अमानवीय घटना को अंजाम दिया | उन्होंने बिल न जमा करने पर एक बुजुर्ग मरीज को पलंग से बांध दिया | यह मरीज कई घंटों तक अपने बेड पर बंधक बना रहा | ना तो वो पानी पीने के लिए उठ पा रहा था और ना ही भोजन के लिए बैठ पा रहा था | डॉक्टरों की चेतावनी के चलते अस्पताल में मौजूद किसी भी शख्स ने इस बुजुर्ग  की कोई सहायता नहीं की | हालांकि किसी मरीज के परिजनों ने एक ह्रदय विदारक घटना की तस्वीरें और वीडियों सोशल मीडिया पर स्थानीय लोगों को भेजा | लोगों ने जब बुजुर्ग की तस्वीरें देखी तो उनकी आँखे नम हो गई | उन्होंने उन तस्वीरों और विडियों को आलाधिकारियों को भेजा | 

बताया जाता है कि लोगों ने जब इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की , तब जिला प्रशासन हरकत में आया | उसने फौरन कार्रवाई करते हुए उस बुजुर्ग का बंधन खुलवाया | फिर नर्सिंग होम का रजिस्ट्रेशन रद्द कर उसे सील कर दिया गया । जानकारी के मुताबिक इस मामले में मुख्य आरोपियों के बजाये नर्सिंग होम के मैनेजर के खिलाफ मामला पंजीबद्ध किया गया है। शाजापुर के जिला कलेक्टर के मुताबिक पीड़ित बुजुर्ग समेत अन्य मरीजों को इस प्राइवेट अस्पताल से जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया है।

जानकारी के मुताबिक जिले के इस प्राइवेट अस्पताल में पीड़ित बुजुर्ग मरीज से इलाज का बिल जमा करवाने के लिए स्टाफ भरसक प्रयास कर रहा था | लेकिन इस बुजुर्ग के परिजनों ने बिल भरना तो छोड़ उस बुजुर्ग से ही दूरियां बना ली थी | दरअसल उनके पास नगद रकम का दूर दूर तक कोई ठिकाना ना था | उधर बिल जमा नहीं होने से मेडिकल स्टाफ ने अमानवीय रुख अपना लिया | बुजुर्ग के परिजनों ने आरोप लगाया है कि 11 हजार रुपये का भुगतान न करने पर अस्पताल कर्मियों ने मरीज के हाथ-पैर बांध उसे पलंग से बांध दिया था । इस मामले को गंभीरता से लेते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए है | उन्होंने घटना की जांच के आदेश भी दिए |  

उधर अस्पताल सील होने के बाद प्राइवेट अस्पताल के कर्ताधर्ता ने दावा किया कि मरीज को ऐंठन हो रही थी |  इस कारण उसके हाथ और पैर बंधे हुए थे ताकि वह खुद को चोट न पहुंचा सके।  अस्पताल के एक डॉक्टर ने एक और हैरत अंगेज दावा करते हुए सफाई दी कि इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन के कारण मरीज को ऐंठन हो रही थी , इसलिए हमने उन्हें बांध दिया ताकि वह खुद को चोट न पहुंचा सके। डॉक्टर ने यह भी कहा कि अस्पताल ने मानवीय आधार पर उनका बिल माफ कर दिया था। फ़िलहाल स्थानीय लोगो ने मांग की है कि इस अस्पताल में इसके पूर्व भी कई अमानवीय घटनाएं हो चुकी है | लिहाजा मैनेजर के अलावा अस्पताल के संचालकों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए | उनके मुताबिक मरीजों को बंधक बनाने के निर्देश अस्पताल संचालकों के द्वारा दिए जाते है |