आज विश्व योग दिवस पर घर पर करे योग , सूर्य ग्रहण पर भी लोगों की नजर , सूर्य ग्रहण में करें इन 3 महामंत्रों का जाप, टल जाएगा हर संकट , इन 12 कार्यों पर पाबंदी , पढ़े इस खबर को

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दिल्ली/रायपुर वेब डेस्क / आज विश्व योग दिवस पर कोरोना संकट छाया हुआ है | हालांकि लोगों का उत्साह उनके चेहरे पर साफतौर पर झलक रहा है | खुले मैदान और बड़े हॉल और भवन ना सही , घर में ही योग कर संदेश दिया जा सकता है | लिहाजा विश्व योग दिवस पर कई घरों में योग की रौनक दिखाई दे रही है | कोई सादी वेशभूषा में में तो कोई ट्रेक शूट में योग करता नजर आ रहा है | कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग काफी जागरूक दिखाई दे रहे है , लिहाजा घर में योग कर अपनी तस्वीरें सोशल मीडिया शेयर कर रहे है |

उधर साल के पहले सूर्य ग्रहण को लेकर आज मंदिरों से लेकर घरों तक गहमा गहमी देखी जा रही है | ग्रहण सुबह करीब 9 बजकर 15 से शुरू होगा | जबकि दोपहर 03 बजकर 04 मिनट तक पृथ्वी इसके आगोश में रहेगी | ज्योतिर्विदों की मानें तक ग्रहण का सूतक काल 12 घंटे पहले यानी 20 जून को रात करीब 9 बजकर 25 मिनट से शुरू हो चूका है | ग्रहण में सूतक काल काफी अहम माना जाता है |

रायपुर के आनंद वाटिका स्थित शंकर मंदिर अलख निरंजन के संरक्षक पंडित अनिल कुमार तिवारी बताते है कि ग्रहण का सूतक लगने के बाद ये 12 कार्य वर्जित माने गए है | इसमें ग्रहण के दौरान किसी भी प्रकार के खाद्य पदार्थ का सेवन वर्जित है | हालांकि ग्रहण के यह नियम बच्चों, बीमार लोगों और बुजुर्गों पर लागू नहीं होता | इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे घर मकान का निर्माण, वाहन की खरीदारी या शादी-विवाह की तैयारियों के बारे में ना सोचा जाता है और ना ही उसे क्रियान्वित किया जाता है |

सूतक के दौरान कैंची, चाकू, कांटा या सुई जैसी धारदार और नुकीली चीजों का इस्तेमाल भी वर्जित है | सूतक लगने के बाद मंदिरों के कपाट बंद हो जाते हैं | सूतक के दौरान पूजा-पाठ नहीं करनी चाहिए और भगवान की मूर्तियों को हाथ से स्पर्श भी करने की मनाही है | कहा जाता है कि ग्रहण का सूतक काल लगने के बाद प्रकृति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है | इसके कारण पेड़, पौधों और पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए |

शास्त्रों में कहा गया है कि तुलसी के पत्तों को पहले ही तोड़कर रख लें और पानी में भीगने दें | सूतक लगने के बाद यदि किसी को खाना परोसें भी तो उसमें तुलसी का पत्ता जरूर डालें | यह शुभ माना गया है | बालों पर कंघी करना, दांतून करना या नाखून काटना भी सूतक के दौरान अशुभ माना जाता है | सूतक के दौरान लोगों को भगवान का ध्यान करना चाहिए | इससे नकारात्मक शक्ति का कोई प्रभाव नहीं पड़ता |

शास्त्रों में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की घटना को देखने की मनाही है | उन्हें इस दौरान घर से बाहर निकलने से से भी बचना चाहिए | कहा जाता है कि ग्रहण के प्रभाव से गर्भ में पल रहे बच्चे को शारीरिक या मानसिक परेशानियां हो सकती हैं | धार्मिक मान्यता के अनुसार, ग्रहण का सूतक लगने के बाद किसी गरीब या असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए. ऐसा करने वाला व्यक्ति पाप का भागीदार बनता हैं |

ग्रहण काल का सूतक लगने के बाद गर्भवती महिलाओं को ग्रहण खत्म होने तक धातुओं से निर्मित वस्तुओं को पहनने की मनाही है | इस दौरान गर्भवती महिलाओं को खाने में छोंक या तड़का भी नहीं लगाना चाहिए | उन्हें सादा भोजन करने की सलाह दी जाती है | सूतक काल लगने के बाद मांस-मछली, शराब या सिगरेट आदि का सेवन करने की भी मनाही है |

पंडित अनिल कुमार तिवारी के मुताबिक सूर्य ग्रहण में ये तीन मंत्र लाभ दायक बताये गए है | इसमें पहला मंत्र “तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥१॥” दूसरा मंत्र “विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत। दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥२॥” और तीसरा मंत्र  “ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्न: सूर्य: प्रचोदयात” का मंत्रोचारण करना चाहिए |