जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. डहरिया ने डीएमएफ की राशि का सदुपयोग कर स्थानीय लोगों तक शतप्रतिशत लाभ पहुंचाने के दिये निर्देश , मंत्री डॉ. डहरिया की अध्यक्षता में डीएमएफ की शासी परिषद की बैठक संपन्न

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रिपोर्टर – राजन पांडेय 

कोरिया / प्रदेश के नगरीय प्रशासन और विकास एवं श्रम मंत्री तथा जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया की अध्यक्षता में जिला कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में जिला खनिज संस्थान न्यास की शासी परिषद की बैठक संपन्न हुई। बैठक में डीएमएफ के तहत स्वीकृत कार्यों की प्रगति की विस्तारपूर्वक जानकारी लेते हुए प्रभारी मंत्री डॉ. डहरिया ने डीएमएफ की राशि का सदुपयोग कर स्थानीय लोगों तक शतप्रतिशत लाभ पहुंचाने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये।

प्रभारी मंत्री ने कहा कि संपूर्ण जिले को खनन प्रभावित क्षेत्र निर्धारित किया गया है। जिसमें जिले में 118 ग्राम एवं 7 नगरीय निकाय अति खनन प्रभावित, 244 ग्राम मध्यम प्रभावित तथा 276 ग्राम कम प्रभावित क्षेत्र की श्रेणी में आते हैं। बैठक में उन्होंने जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत 60ः40 के अनुपात के संबंध में नवीन संशोधन के संबंध में कहा कि 60 प्रतिशत की राशि उच्च प्राथमिकता क्षेत्र के कार्यों हेतु व्यय की जायेगी तथा 40 प्रतिशत की राशि में से भौतिक अधोसंरचना के कार्यों हेतु अधिकतम 20 प्रतिशत एवं शेष 20 प्रतिशत की राशि सिंचाई विकास, ऊर्जा जल विभाजक, सार्वजनिक परिवहन, सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण, युवा गतिविधियों का बढावा, न्यास निधि के अंतर्गत विभिन्न योजना तैयार करने एवं निगरानी और ग्राम सभा का क्षमता विकास हेतु प्रशिक्षण में व्यय की जायेगी।

प्रभारी मंत्री ने जिला खनिज संस्थान न्यास के अंतर्गत वर्श 2016-17 से लेकर अब तक स्वीकृत कार्यों हेतु किये जाने वाले 52 करोड़ 85 लाख की लंबित भुगतान की राशि, वर्ष 2020-21 में प्राप्त होने वाली राशि एवं नवीन संशोधन अंतर्गत व्यय की सीमा, जिले में स्वीकृत कार्यों की भौतिक प्रगति की जानकारी प्राप्त की। बैठक में मुख्यमंत्री फ्लैगशिप योजना के अंतर्गत नरवा, गरूवा, घुरवा एवं बाड़ी, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना, मुख्यमंत्री स्लम अस्पताल योजना, सुपोषण योजना एवं वार्ड कार्यालय योजना के क्रियान्वयन पर भी चर्चा की गई।

प्रभारी मंत्री डॉ. डहरिया ने बैठक में कहा कि शासन की योजनाएं हर व्यक्ति के उन्नति के लिए हैं। समस्त विकास कार्यों का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाये। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य विकास की नींव हैं, इसलिए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखा जाये और इसके साथ ही गुणवत्ता की जांच भी होती रहे। इसी क्रम में डॉ. डहरिया ने राजस्व, लोक निर्माण, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, समाज कल्याण, मनरेगा, वन, क्रेडा, नगरीय निकाय सहित सभी विभागों द्वारा संचालित डीएमएफ के कार्यों की समीक्षा की।

बैठक में मंत्री ने क्रेडा विभाग के अधिकारी को बिना जानकारी के बैठक में उपस्थित होने पर नोटिस जारी करने कलेक्टर को निर्देश दिये। इसी तरह उन्होंने जल संसाधन विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जांच पीडब्लूडी एवं आरईएस विभाग को टीम बनाकर करने तथा 15 दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा। डाॅ. डहरिया ने गौठान समिति के पुनर्गठन की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों में पेंशन की राशि नियमित रूप से मिलनी चाहिए।

बैठक में मंत्री ने विद्युत कटौती की समस्या का निराकरण करने, बडे शासकीय भवनों में तडित चालक लगाने, एकल शिक्षकीय स्कूलों में एक अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति, कलेक्टोरेट में कैंटीन आदि के संबंध में चर्चा करते हुये सम्बधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। इस अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से लोकसभा सांसद श्रीमती ज्योत्सना महंत बैठक में शामिल हुई। साथ ही सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष एवं भरतपुर-सोनहत क्षेत्र के विधायक श्री गुलाब कमरो, बैकुण्ठपुर क्षेत्र की विधायक श्रीमती अम्बिका सिंहदेव, मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र के विधायक डॉ. विनय जायसवाल, कलेक्टर श्री सत्य नारायण राठौर, पुलिस अधीक्षक श्री चन्द्रमोहन सिंह एवं जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सहित वन मंडलाधिकारी, एसईसीएल क्षेत्र के महाप्रबंधक, स्थानीय जनप्रतिनिधि और संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।