दिशा- सुशांत की मौत में लिंक, सीबीआई ने चौथे दिन में ही साजिश के तार जोड़े, अब SSR के साथ- साथ दिशा की संदेहजनक मौत की भी सुलझेगी गुत्थी, दिशा की मौत के बाद भी उसके मोबाइल से किए गए इंटरनेट कॉल, शिवसेना मौन

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मुंबई / बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर मुंबई पुलिस और कूपर अस्पताल के डॉक्टर भी आरोपी बन सकते है | जहाँ पुलिस अफसर सबूत मिटाने और साजिश पर पर्दा डालने के साथ – साथ कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के दायरे में है, वहीँ कूपर अस्पताल में SSR का पोस्टमार्टम करने वाले 5 डॉक्टर साजिश में सहभागी बनने के आरोपी बन सकते है | चार दिनों तक चली विवेचना में ही सीबीआई को कई ऐसे तथ्य मिले है, जिससे साफ़ हो रहा है कि दिशा सालियान और सुशांत सिंह राजपूत की मौत आत्महत्या नहीं है |

उधर सीबीआई जाँच से पहले शिवसेना मामले को रफा दफा करने के लिए जिस तरह से बेचैन नजर आ रही थी, सीबीआई के दस्तक देते ही ठंडी पड़ गई है | पिछले चार दिनों से शिवसेना की ओर से कोई बयान सामने नहीं आया है |

हैरानी वाली बात यह है कि सुशांत की आत्महत्या की तस्दीक करने वाले उनके दोस्त सिद्धार्थ पठानी, कुक नीरज सिंह, दीपेश सावंत और शोभित चक्रवर्ती चारों के बयान अलग – अलग पाए गए | इससे साफ है कि कातिल ने बड़ी चालाकी से वारदात को अंजाम दिया और गवाहों को आधी अधूरी कहानी सुनाई |

उधर दिशा सालियान से जुड़ी एक चौंकाने वाली जानकारी ये सामने आई है | बताया जाता है कि दिशा की मौत के कई दिन बाद तक उनका सेलफोन एक्टिव था. इस फोन का इस्तेमाल किया जा रहा और इससे फोन कॉल किए गए थे | दिशा सालियान की मौत को भी अब सुशांत की मौत से जोड़ कर देखा जा रहा है |

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो दिशा ने मौत से पहले सुशांत सिंह राजपूत से बात की थी | यही बातचीत सुशांत की मौत का कारण बनी है | सूत्र बता रहे है कि SSR प्रेस कॉन्फ्रेंस करके दिशा की मौत का राज लोगों के सामने रखना चाहते थे | लेकिन इसके पहले कातिल ने उन्हें ठिकाने लगा दिया | सीबीआई को कई ऐसे सबूत मिल रहे है, जिससे साफ़ हो रहा है कि दिशा-सुशांत की मौतों के बीच कोई लिंक है |

उधर दिशा के फोन से जुड़ी ये जानकारी सामने आने के बाद मुंबई पुलिस पर अब कई नए सवाल उठ खड़े हुए हैं | पहला सवाल ये कि आखिर दिशा का फोन फॉरेंसिक जांच के लिए उसने जब्त क्यों नहीं किया? दूसरा सवाल ये कि आखिर कौन था जो दिशा का फोन इस्तेमाल कर रहा था? तीसरा सवाल ये कि ये फोन कॉल किए किए गए थे? और चौथा सवाल ये कि पुलिस किस तरह से जांच कर रही थी कि जांच के लिए फोन भी अपने कब्जे में नहीं लिया गया | यह भी तथ्य सामने आया कि आत्महत्या के बाद दिशा के शरीर पर कपडे नहीं थे | यही नहीं उसका पोस्टमार्टम कई घंटों बाद किया गया | साफ़ है कि मुंबई पुलिस दोनों ही मामलों को रफा दफा करने में जुटी थी |