नई दिल्ली: संसद का मानसून सत्र बुधवार को एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया, जिससे कार्यवाही कई बार बाधित हुई। इसी दौरान राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि 2020 से 29 जुलाई 2025 तक NIA ने 301 मामलों में चार्जशीट दाखिल की, जिनमें 97.08% मामलों में दोषसिद्धि हुई है।
NIA की उपलब्धि और विपक्ष की प्रतिक्रिया
नित्यानंद राय ने कहा कि NIA एक निष्पक्ष और पेशेवर जांच एजेंसी है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े मामलों में प्रभावी कार्रवाई की है। लेकिन जैसे ही उन्होंने आंकड़े प्रस्तुत किए, विपक्षी सांसदों ने जांच एजेंसी की निष्पक्षता पर सवाल उठा दिए।
विपक्ष का आरोप है कि राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा है। कई सांसदों ने सरकार से मांग की कि जांच प्रक्रिया की स्वतंत्र समीक्षा करवाई जाए।
लोकसभा में भी हंगामा
इधर लोकसभा में भी विपक्ष ने महंगाई, बेरोजगारी और सरकारी नीतियों के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। कई बार कार्यवाही रोकनी पड़ी। पीठासीन अधिकारियों ने सांसदों से अपील की कि वे शांति बनाए रखें और संसद की गरिमा बरकरार रखें।
आगे बढ़ेगा विवाद?
सरकार NIA की इस 97% दोषसिद्धि दर को अपनी कानून व्यवस्था की बड़ी सफलता मान रही है, वहीं विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार बताए जाने पर अड़ा है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा संसद और राष्ट्रीय राजनीति दोनों में गर्मा सकता है।
