गुजरात: आसाराम के जेल से बाहर आने की उम्मीद एक बार फिर निराशा में बदल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। आसाराम अपने ही ग्रुप कुल की नाबालिग छात्रा से यौन उत्पीड़न के मामले में अंतिम सांस तक आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आसाराम के खिलाफ गुजरात में रेप के एक मामले की ट्रायल चल रही है। ट्रायल को देखते हुए आसाराम को जमानत नहीं दी जा सकती है।
उधर सेंट्रल जेल में आसाराम पिछले 9 वर्षों से कैद में हैं।जेल से बाहर आने के लिए वो कई बहाने आजमा चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेश कर आसाराम की बढ़ती उम्र और कई बीमारियों का हवाला देकर जमानत देने की गुहार लगाई गई ।उसने कहा कि गंभीर बीमारियों का जेल में रहते इलाज संभव नहीं है। लिहाजा इन परिस्थितियों पर विचार करते हुए आसाराम को जमानत पर छोड़ा जाए
इधर सरकारी वकील ने जमानत का विरोध जताते हुए आसाराम की किसी प्रकार की बीमारी को खारिज कर दिया है।उन्होंने जारी ट्रायल का हवाला देते हुए जमानत दिए जाने का विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी वकील की दलील से सहमति जताते हुए फिलहाल जमानत देने से इंकार कर दिया है।अब सु्प्रीम कोर्ट मामले की अगली सुनवाई जनवरी में करेगा।
हिंदू सेना के राष्ट्रीय महासचिव बमबम ठाकुर ने कहा कि कोर्ट में तारीख पड़ने पर आसाराम के पैरोकार खुद ही नई तारीख मांग लेते हैं। उन्होंने कहा कि आसाराम की संपत्ति पर काबिज होकर शिष्य मौज उड़ा रहे हैं। शिष्य सज़ा करवाकर आसाराम की संपत्ति के मालिक बन मौज उड़ा रहे हैं।अपील के नाम पर पिछले चार वर्षों से तारीखें ली जा रही हैं।आसाराम को बाहर लाने के नाम पर शोर मचाया जा रहा है। कई बार सज़ा स्थगित करवाने की याचिका लगवाकर वापस ले ली गई है।