Mamata Banerjee On PM Modi: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को अपने हाथ का बना खाना खाने का ऑफर दिया है। दीदी ने कहा कि अगर वो (मोदी) चाहें तो मैं उनके लिए कुछ पकाने को तैयार हूं। हालांकि मुझे यकीन नहीं है कि वो मेरे हाथ से पकाए गए खाना को खाएंगे या नहीं। मैं बचपन से खाना पका रही हूं। लोग मेरे खाने की तारीफ करते हैं लेकिन क्या मोदी जी मेरा खाना स्वीकार करेंगे? क्या वो (मोदी) मुझ पर विश्वास करेंगे? उन्हें (मोदी) जो पसंद हो, मैं पकाऊंगी।
दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले महीने राजद नेता तेजस्वी यादव पर ऐसे समय मछली खाने पर तंज कसा था। जब हिंदू समुदाय मांसाहार के सेवन से परहेज करता है। सोमवार को एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने मोदी के इस बयान पर पलटवार किया।
बनर्जी ने कहा कि मैं बचपन से खाना बना रहीं हूं। लोगों को मेरा बनाया हुआ खाना बहुत पसंद आता है। मुझे शाकाहारी और मांसाहारी खान दोनों पसंद है. मैं ढोकला और मछ्ली करी दोनो खाती हूं। हिंदू में विभिन्न वर्ग की अपनी-अपनी मान्यताएं हैं। इससे पता लगाता है कि बीजेपी को देश की विविधता के बारे में सही से नहीं पता। लेकिन क्या पीएम मोदी मेरा बनाया हुआ खाना खाएंगे? क्या वो मुझ पर भरोसा करेंगे? मैं पीएम मोदी को जो भी खाने में पसंद होगा वो बनाने के लिए तैयार हूं।
मुझे ढोकला और मछली करी दोनों पसंद हैं’
ममता ने कहा, मुझे ढोकला जैसे शाकाहारी व्यंजन और माछेर झोल (मछली करी) जैसे गैर शाकाहारी भोजन दोनों पसंद हैं। हिंदुओं के विभिन्न समुदायों और विभिन्न संप्रदायों में अपने अनूठे रीति-रिवाज और खान-पान प्रचलन में हैं। बीजेपी कौन होती है किसी व्यक्ति के खान-पान पर रोक लगाने वाली? यह दर्शाता है कि बीजेपी नेतृत्व को भारत और यहां की विविधता और समावेशिता के बारे में बहुत कम जानकारी और समझ है।
बीजेपी बोली- मछली और चावल खिलाना चाहती है ममता
बंगाल बीजेपी ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल तथागत रॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि ममता बनर्जी पीएम मोदी को मछली और चावल खिलाना चाहती हैं, लेकिन पहले वह अपने लेफ्टिनेंट फिरहाद हकीम को पोर्क चॉप क्यों नहीं खिलातीं?वहीं बीजेपी नेता शंकुदेब पांडा ने कहा कि पीएम मोदी को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी को पता है कि पीएम मोदी कभी मछ्ली और मांसाहारी खाना नहीं खाएंगे। बनर्जी को लगता है कि लोगों की खाने की पसंद अपनी होनी चाहिए तो वो पीएम मोदी की टिप्पणी को गलत तरीके से क्यों पेश कर रही है? ये सनातनी हिंदुओं का अपमान है।
भाई-बहन के बीच समझौता हो चुकाः सीपीआई
वहीं सीएम ममता बनर्जी की इस टिप्पणी पर सीपीआई (एम) ने इसे दोनों (BJP-TMC) के बीच एक समझौता होने का दावा कर दिया है। ममता के बयान पर सीपीआई (एम) नेता विकास भट्टाचार्य (Vikas Bhattacharya) ने कहा कि दादा-बॉन (भाई और बहन) होने के नाते ममता दीदी निश्चित रूप से प्रधानमंत्री के लिए भोजन पकाने की पेशकश कर सकती हैं। मुझे नहीं पता कि यह उन्हें खुश करने के लिए है या नहीं। भट्टाचार्य बीजेपी और टीएमसी (TMC) के बीच कथित गुप्त समझौते के संबंध में टिप्पणी कर रहे थे। वहीं वामदल और कांग्रेस यहां टीएमसी और बीजेपी के बीच गुप्ता समझौते का आरोप लगा रहे हैं।