नई दिल्ली / नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लगे ‘जय श्री राम’ के नारे से पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इतनी भड़की हुई हैं कि वे इसके खिलाफ विधानसभा में आज निंदा प्रस्ताव लाने वाली हैं। तृणमूल कांग्रेस ने नारे को नेताजी और मुख्यमंत्री का अपमान बताते हुए कहा था कि वह विधानसभा में निंदा प्रस्ताव ला सकती है। हालांकि नारे को लेकर ममता का समर्थन करने वाली कांग्रेस और सीपीएम पार्टियों का दो टूक का कहना है कि वे निंदा प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगी।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में ‘जय श्री राम’ के नारे लगने के बाद तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने 23 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में समारोह को संबोधित करने से मना कर दिया था। कांग्रेस ने ममता बनर्जी का समर्थन करते हुए कहा था कि इस तरह नारेबाजी करना मुख्यमंत्री का अपमान है जबकि माकपा ने इसे राज्य के लिए अपमान जनक करार दिया था।
कांग्रेस और सीपीएम ने कहा कि वे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाए जाने के खिलाफ टीएमसी की तरफ से विधानसभा में लाए जाने वाले निंदा प्रस्ताव का समर्थन नहीं करेंगे। दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि अगर यह प्रस्ताव लाया जाता है तो दोनों दल तब तक इसका समर्थन नहीं करेंगे जब तक कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी स्वयं प्रदेश में संविधान एवं विपक्ष का सम्मान सुनिश्चित नहीं करती हैं।
जानकारी के मुताबिक राज्य विधानसभा का दो-दिवसीय विशेष सत्र बुधवार से शुरू हुआ है। ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने यह विशेष सत्र केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पास करने और आंदोलनकारी किसानों के मुद्दे पर चर्चा के लिए बुलाया है। आज सत्र का आखिरी दिन है। टीएमसी की तरफ से आज ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए जाने के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाया जा सकता है।