सूरत वेब डेस्क / कोरोना वायरस ने हीरे की चमक फीकी कर दी है | दरअसल चीन में इसकी चपेट में आये 500 से ज्यादा मरीजों की मौत हो चुकी है | इसके चलते दहशत ऐसी फैली है कि कई कारोबारी अपना व्यापार समेट रहे है | हॉंगकॉंग में तो हालात और भी ख़राब है | बताया जाता है कि यहां कोरोना वायरस की चपेट में आये तीन हीरा व्यापारियों की मौत के बाद दहशत ऐसी फैली कि भारतीय मूल के व्यापारियों और कारीगरों ने अपने वतन वापस लौटने में ही भलाई समझी | इसका सीधा असर भारतीय हीरा उद्योग पर भी पड़ा है | सूरत के हीरा उद्योग को अगले दो माह में करीब 8,000 करोड़ रुपये का घाटा उठाना पड़ सकता है। इसकी वजह चीन में फैला जानलेवा कोरोना वायरस है। कोरोना वायरस की वजह से हॉंगकॉंग ने इमर्जेंसी की घोषणा कर दी है। हॉंगकॉंग सूरत के हीरा उद्योग का प्रमुख एक्सपोर्ट मार्केट है। सूरत के हीरा कारोबारियों का कहना है कि हॉंगकॉंग हमारे लिए प्रमुख व्यापार केंद्र है लेकिन वहां स्कूल और कॉलेज मार्च के पहले सप्ताह तक के लिए बंद कर दिए गए हैं। इससे व्यापार में अचानक मंदी आ गई है | कोरोना वायरस के फैलने की वजह से वहां कारोबारी गतिविधियां भी काफी घट गई हैं। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) के रीजनल चेयरमैन दिनेश नवाडिया के मुताबिक सूरत से हर साल हॉंगकॉंग के लिए 50,000 करोड़ रुपये के पॉलिश्ड हीरों का निर्यात किया जाता है। यह यहां से कुल निर्यात का 37 फीसदी है लेकिन अब कोरोना वायरस की वजह से हॉंगकॉंग में यह धंधा चौपट हो गया है |
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हॉंगकॉंग में भारतीय गुजराती कारोबारियों के ऑफिस हैं, वे अपने वतन लौट रहे हैं। नवाडिया ने कहा कि यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो इससे सूरत का हीरा उद्योग बुरी तरह प्रभावित होगा। सूरत का हीरा उद्योग देश में आयातित 99 प्रतिशत कच्चे हीरो की पॉलिश करता है। उन्होंने अंदेशा जाहिर किया कि फरवरी और मार्च में सूरत के हीरा उद्योग को 8,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है।
एक अन्य उद्योग विशेषज्ञ और हीरा कारोबारी प्रवीण नानावती ने भी अंदेशा जाहिर किया है कि हॉंगकॉंग में अंतरराष्ट्रीय आभूषण प्रदर्शनी रद्द हो सकती है | यदि ऐसा होता है तो सूरत का आभूषण कारोबार बुरी तरह प्रभावित होगा। उन्होंने कहा कि सूरत में बने पालिश हीरे और आभूषण हांगकांग के जरिये दुनिया भर में भेजे जाते हैं। लेकिन अब वहां अवकाश की वजह से हमारा कारोबार पूरी तरह ठप्प हो गया है। उन्होंने कहा कि हीरा व्यापारी तेजी से भारत लौट रहे हैं , यदि स्थिति नहीं सुधरती है तो सूरत के हीरा उद्योग को ‘हजारों करोड़ रुपये’ का नुकसान हो सकता है।