रायपुर: छत्तीसगढ़ के सबसे चर्चित बलौदाबाजार आगजनी कांड में भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से ज़मानत मिल गई है। लेकिन वे रिहा होंगे की नहीं, इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। कलेक्टर और एसपी कार्यालय के अलावा अदालत बिल्डिंग को हिंसा और आगजनी के चलते काफी नुकसान उठाना पड़ा था। इस परिसर में खड़े सैकड़ों वाहन आगजनी का शिकार हुए थे। सूत्र तस्दीक करते है कि पुलिस ने सरकारी परिसर में उत्पात हिंसा और रिकॉर्ड जलने की घटना को विभिन्न अपराधों के तहत दर्ज किया था। इस मामले में अपराध से जुड़े कई प्रकरण अभी भी विचाराधीन है। ऐसे में विधायक यादव की रिहाई सुनिश्चित हो पायेगी या नहीं ? इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। विधायक देवेंद्र यादव कई महीनों से रायपुर सेंटर जेल में बंद है। उन्हें पुलिस ने बीते 18 अगस्त 2024 को भिलाई स्थित निवास से गिरफ्तार किया था।
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इस बीच दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस सुधांशु धुलिया की बेंच ने देवेंद्र यादव की ओर से पेश याचिका के तथ्यों पर गौर फरमाते हुए अदालत ने उन्हें जमानत दे दी है। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार आगजनी कांड को 10 जून 2024 को अंजाम दिया गया था। एक विरोध सभा में सतनामी पंथ के धार्मिक स्थल को नुकसान पहुंचाने के विरोध में हज़ारों लोगों ने प्रदर्शन किया था। इस दौरान भीड़ उपद्रवियों ने कलेक्ट्रेट और एसपी ऑफ़िस के अलावा स्थानीय कोर्ट परिसर में आगजनी और हिंसा की थी। घटना के दौरान भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया था। इस दौरान हिंसक भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस बल पर भी हमला किया गया था। जांच में पाया गया था कि हिंसक वारदात के ठीक पहले मंच से कांग्रेस के कुछ नेताओं के अलावा विधायक देवेंद्र यादव ने भीड़ को उकसाने वाला भाषण दिया था।
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पुलिस विवेचना के अनुसार इस हिंसक उपद्रव के पीछे भीम रेजीमेंट नामक संगठन के स्वंयभू संस्थापक और प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार का नाम भी सामने आया था। उपद्रव के पहले सोशल मीडिया पर दिनेश कुमार ने कई संदेश जारी किए थे। इसमें हिंसा के लिए उकसाने जैसे तथ्य पाए गए थे। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने इस वारदात में 200 से अधिक लोगों को आरोपी बनाया था। इस मामले में विधायक देवेंद्र यादव सुर्ख़ियों में रहे थे। सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट सिद्धार्थ देव और एडवोकेट हर्षदीप खुराना ने अपनी दलीले देते हुए अभियोजन पक्ष के कई आरोपों को सिरे से ख़ारिज कर दिया था। दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद अदालत ने विधायक देवेंद्र यादव की जमानत की स्वीकृति दे दी। बहरहाल, यह देखना गौरतलब होगा कि यादव की रिहाई कब सुनिश्चित होती है।