सत्ता गवाने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल की तिजोरी में नोटों की बौछार, मात्र 5 सालों में हज़ार गुना बढ़ गई कुनबे की आमदनी, चल-अचल संपत्ति का काला-चिट्ठा सफ़ेद करने में जुटे चार्टर्ड अकाउंटेंट, जनता का हाल-बेहाल, भूपे गिरोह मालामाल… 

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दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ में घोटालों के मसीहा पूर्व मुख्यमंत्री करप्शन बघेल और उनके परिवार से जुड़ी चल-अचल संपत्ति के काले-चिट्ठे को सफ़ेद बनाने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट की बड़ी फौज जुटी हुई है। पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र अब 15 मार्च को अपनी माली हालत से ED को वाकिफ कराएँगे। सूत्र तस्दीक करते है कि पूर्व मुख्यमंत्री के कुनबे की आमदनी मात्र 5 साल में एक हज़ार गुना बढ़ गई है, रिकॉर्ड तोड़ कमाई से पूरा गिरोह इन दिनों चांदी की फसल काट रहा है।

सत्ता से हाथ धोने और मुख्यमंत्री की कुर्सी से बेदखल होने के बावजूद बघेल गिरोह की आमदनी सुर्ख़ियों में है। इसे घोटाले की रायल्टी बताने वालों की कोई कमी नहीं है। बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री के आवास में छापेमारी के बाद ED ने कई दस्तावेजों समेत लाखों की नगदी जब्त की है। बताया जाता है कि छापेमारी के दौरान नगद रकम और सोने-हीरे के जवाहरात के स्रोतों की संतोषप्रद जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के चलते प्रवर्तन निदेशालय ने नगदी समेत भारी-भरकम माल अपने कब्जे में लिया है।

छापेमारी ख़त्म होने के बाद चेहरा दिखाने प्रेस-मीडिया के सामने आये पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने दावा किया है कि लगभग 33 लाख की नगदी और चंद दस्तावेज ED की टीम अपने साथ ले गई है। उधर आम जनता द्वारा तस्दीक की जा रही है कि राज्य में वर्ष 2018 के पूर्व भूपे बघेल समेत उनके तमाम नाते-रिश्तेदारों की आमदनी बेहद सामान्य थी। परिवार में सालाना करोड़ों कमाने वाला ना तो कोई सदस्य था और ना ही ऐसा कोई उद्योग जहाँ की चिमनियाँ नोटों की बौछार कर रही थी। लेकिन बघेल के मुख्यमंत्री की कुर्सी में काबिज होने के बाद पूरा कुनबा ही हाईप्रोफाइल बन गया था। सत्ता के इन 5 वर्षों में पूरे कुनबे की अर्जित संपत्ति हज़ार गुणा बढ़कर अब अरबों में आंकी जा रही है।

यही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी पारिवारिक सदस्यों के अलावा कारोबारियों की चल-अचल संपत्ति का आंकड़ा भी आसमान छू रहा है। आम जनता तस्दीक करती है कि सत्ता से नगदी का दोहन किस तरह से किया जा रहा था, इसका अंदाजा पूर्व मुख्यमंत्री के आवास से जब्त लगभग 33 लाख की नगदी से लगाया जा सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा उनसे जुड़े अन्य ठिकानों में छापेमारी में हुई जब्ती को लेकर अभी ED की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। अलवत्ता करप्शन बघेल ने खुद बा खुद बरामदगी को लेकर अपना मुँह खोला है।

उनका दावा है कि छापेमारी में कुछ खास नहीं मिला है। महज 30-33 लाख लेकर ED गई है। उधर सूत्र तस्दीक करते है कि बरामद नगदी का आंकड़ा पूर्व मुख्यमंत्री के दावे से कही अधिक बताया जाता है। आम घर परिवारों में इतनी मोटी रकम दूर की कौड़ी साबित होती है। जबकि कृषि पर आश्रित पूर्व मुख्यमंत्री का ‘किसान कुनबा’ चंद सालों के भीतर इलाके के नगद नारायण वाले ‘बड़े सेठ जी’ के रूप में तब्दील हो गया है। लोग हैरानी जाता रहे है कि सत्ता गवाने के बावजूद पूर्व मुख्यमंत्री की तिजोरी में नोटों की बौछार हो रही है। 

सूत्रों के मुताबिक ED की छापेमारी के बाद पूर्व मुख्यमंत्री का कुनबा अपने काले-चिट्ठे को सफ़ेद-चमकदार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहा है। क़ानूनी दांवपेचों की तर्ज पर चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा तैयार किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री के पुत्र-बेटे-बेटी, दामाद समेत कई सगे-संबंधियों ने आयकर को अपनी संपत्ति की जानकारी देने के लिए विशेष टैक्स सलाहकार और चार्टर्ड अकाउंटेंट की शरण ली है। यहाँ वन टू का फोर और फोर टू का वन जैसे नुस्खे, आयकर रिटर्न जमा करने के लिए आजमाए जा रहे है। प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री बघेल के काले-कारनामों के चलते कांग्रेस की जमकर फजीहत हो रही है।

बताया जाता है कि भारी-भरकम भ्रष्टाचार सामने आने के बाद कांग्रेस के आम कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री बघेल से किनारा कर लिया है। ED के खिलाफ आयोजित धरना-प्रदर्शनों में सिर्फ भूपे समर्थक ही हिस्सा ले रहे है। इनमे से ज्यादातर समर्थक बीते 5 सालों में सत्ता का लाभ उठाने वालों में शामिल बताये जाते है। जबकि कई दिग्गज नेता दबी जुबान से तस्दीक कर रहे है कि पार्टी पदाधिकारी होने के नाते मज़बूरी बस वे, प्रदर्शन में शरीक हुए है। ऐसे नेता चुटकी लेते हुए, लोगों को हकीकत से वाकिफ होने का अफसाना भी सुना रहे है। 

छत्तीसगढ़ में छापेमारी के दौरान ED के अफसरों का रास्ता रोकने, गाली-गलौज, अभद्रता और उनके वाहनों पर पथराव करने के मामले को पुलिस ने गंभीरता से लिया है। बताया जाता है कि भिलाई में दर्जनों उपद्रवी भूपे समर्थकों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इन प्रकरण में आरोपियों की जहाँ गिरफ्तारी के आसार जाहिर किये जा रहे है, वही होली के बाद भ्रष्टाचार की होली का दृश्य देखने के लिए जनता लालायित नजर आ रही है। पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पुत्र चैतन्य बघेल पर एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसते जा रहा है। अब यह देखना गौरतलब होगा कि 15 मार्च को बघेल ‘पुत्र’  पूछताछ के बाद अपने घर का रास्ता तय करेंगे या फिर ED धर-दबोच कर उन्हें अदालत के सामने हाजिर करेगी ?