Kerala Stray Dogs: केरल में आवारा कुत्तों के हमलों की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. पिछले कुछ महीनो में कुत्ते के काटने से कई लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए. ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच सकता है. केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (केएससीपीसीआर) ने कन्नूर में आवारा कुत्तों के हमले के बाद हुई 11 वर्षीय बच्चे की मौत का संज्ञान लिया. KSCPCR ने कहा है कि वो आक्रामक हो चुके आवारा कुत्तों को मारने की इजाजत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है.
आयोग की तरफ से शुरू हुई जांच
केरल की इस संस्था के अध्यक्ष केवी मनोज कुमार ने इस घटना (11 साल के बच्चे की मौत) पर रिएक्शन देते हुए कहा, “ये काफी दुखद और दिल दहला देने वाला मामला है. आयोग की तरफ से इस बात की जांच की जाएगी कि असली चूक कहां हुई. हम कुत्तों से पहले बच्चों और लोगों को बचाना चाहते हैं.” कुमार ने बताया कि तीन और ऐसे मामले आए हैं, जिनमें कुत्ते ने बच्चों को अपना शिकार बनाया. आयोग इस मामले में अपनी तरफ से सख्त कदम उठा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार
मनोज कुमार ने कहा कि बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने स्थानीय स्वशासन विभाग के सचिव, जिला पंचायत के सचिव और एडक्कड़ थाने के प्रभारी (एसएचओ) से दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. उन्होंने कहा कि केएसएचआरसी इस बात पर विचार करेगा कि सुप्रीम कोर्ट में आवारा कुत्तों से संबंधित विचाराधीन मामले में पक्षकार बना जाए या नहीं. झाप्पिलंगद में कुत्तों के हमले में बुरी तरह घायल हुए 11 वर्षीय एक दिव्यांग किशोर की मौत हो गई है.
राज्य में चला था वैक्सीनेशन प्रोग्राम
केरल सरकार ने कुत्तों के काटने से होने वाली मौतों के बढ़ते मामलों को देखते हुए करीब आठ महीने पहले ही आवारा और पालतू कुत्तों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया था. 2022 में अगस्त के अंत तक कुत्ते के काटने से 19 लोगों की मौत के बाद सरकार की तरफ से ये कदम उठाया गया था, हालांकि, 11 साल के निहाल की मौत ने एक बार फिर प्रशासन द्वारा उठाए गए कदमों पर सवाल खड़े कर दिए हैं.