रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक बार फिर घोटालों को लेकर कोहराम मच गया है। कांग्रेस ने फॉरेस्ट गार्ड और पुलिस भर्ती में घोटाले के संगीन आरोप लगाए है। उसने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पार्टी प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने वन रक्षक भर्ती में नियमों की अनदेखी को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला है। उनका आरोप है कि सत्ताधीशों के संरक्षण में फर्जीवाड़ा हो रहा है। उन्होंने वन विभाग और पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा किया है।
कांग्रेस ने प्रदेश में वन रक्षकों और पुलिस आरक्षक भर्ती में भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। संचार प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने इन भर्तियों पर रोक लगाकर सीबीआई या हाईकोर्ट के जज से जांच कराने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि सभी भर्तियां निरस्त कर फिर से परीक्षा कराई जाए। वहीं गड़बड़ी के दोषी लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। उन्होंने दावे किए कि राज्य में भाजपा सरकार नौकरियों का व्यापार कर रही है। वन एवं पुलिस की भर्तियों में बोलियां लग रही हैं।
कांग्रेस संचार प्रमुख के मुताबिक राजनांदगांव में आरक्षक भर्ती के दौरान गड़बड़ी का खुलासा भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि हैदराबाद की जो निजी कंपनी वन और पुलिस विभाग में शारीरिक परीक्षा करवा रही उसे ब्लैक लिस्टेड किया जाए। कंपनी और सरकार में बैठे हुए लोग मिलीभगत कर नौकरियां बेच रहे हैं। हैदराबाद की इस कंपनी को अलग-अलग जिलों में लगभग 6000 आरक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। कंपनी ने वन रक्षकों की भर्ती में फिजिकल टेस्ट के इवेंट को कवर किया था, उस पर भी सवाल उठ रहे, लेकिन सरकार ने जांच कराना तक जरूरी नहीं समझा।
उनका आरोप है कि भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा सत्ता में बैठे बड़े लोगों के संरक्षण के बिना संभव ही नहीं है। सत्तारूढ़ नेताओं और बड़े अधिकारियों चहेतों की भर्तियां सुनिश्चित करने शारीरिक परीक्षण में अधिक नंबर पक्षपात पूर्वक दियों जा रहा है। सभी जिलों की पुलिस एवं वन भर्ती प्रक्रिया को रद्द करके फिर से शारीरिक परीक्षण करवाया जाए। रात के अंधेरे में फिजिकल टेस्ट कराया गया, डिजिटल के बजाय मैन्यूल टेस्ट लिया गया।
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