नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 1 अगस्त 2025 को भूकंप और रासायनिक आपदाओं जैसी परिस्थितियों से निपटने के लिए एक व्यापक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। यह अभ्यास ‘अभ्यास सुरक्षा चक्र’ के समापन का प्रतीक होगा, जिसे दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के 18 जिलों में आपातकालीन प्रतिक्रिया को मजबूत करने के उद्देश्य से डिज़ाइन किया गया है।

दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य भूकंप जैसी बड़ी आपदा की स्थिति में दिल्ली की तैयारियों, एजेंसियों के बीच समन्वय और जन प्रतिक्रिया तंत्र की वास्तविक समय में जांच करना है। दिल्ली के सभी 11 जिलों में इस अभ्यास को एक साथ संचालित किया जाएगा।
क्या दिखेगा मॉक ड्रिल के दौरान?
एम्बुलेंस, दमकल वाहन, पुलिस वैन, और सेना के ट्रक जैसी आपातकालीन वाहनों की संख्या में वृद्धि देखी जा सकती है।
सायरन और पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम का उपयोग कर अभ्यास की शुरुआत के संकेत दिए जाएंगे।
घटना नियंत्रण केंद्र, राहत शिविर, और चिकित्सा सहायता चौकियाँ अस्थायी रूप से स्थापित की जाएंगी।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), दिल्ली पुलिस, सशस्त्र बल, नागरिक सुरक्षा, और अन्य एजेंसियां मिलकर नकली बचाव अभियान, हताहतों की निकासी और पीड़ितों को प्राथमिक उपचार देने का अभ्यास करेंगी।

नागरिकों से की गई यह अपील
डीडीएमए ने स्पष्ट किया है कि यह केवल एक अभ्यास है, कोई वास्तविक आपातकाल नहीं है। नागरिकों से अनुरोध किया गया है कि वे घबराएं नहीं, अफवाहों से बचें और सहयोग करें। यह अभ्यास एक आपदा-प्रतिरोधी शहर के निर्माण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
अभ्यास की रूपरेखा
29 जुलाई: आपदा जोखिम और रणनीतिक तैयारियों पर उच्च स्तरीय संगोष्ठी।
30 जुलाई: टेबलटॉप अभ्यास (TTEx) – नियंत्रित माहौल में आपदा योजनाओं की समीक्षा।
1 अगस्त: पूर्ण पैमाने पर मॉक ड्रिल – वास्तविक परिस्थितियों की नकल कर अभ्यास।

कौन-कौन होंगे शामिल?
इस मॉक ड्रिल में दिल्ली के अलावा हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, नूंह और रेवाड़ी तथा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर जैसे एनसीआर क्षेत्र शामिल होंगे।

निष्कर्ष
यह मॉक ड्रिल राजधानी क्षेत्र में आपदा प्रबंधन को व्यवहारिक रूप से परखने, विभिन्न एजेंसियों की तत्परता और आम जनता की सजगता को बढ़ाने की दिशा में एक सराहनीय प्रयास है। दिल्ली और एनसीआर को आपदा-प्रतिरोधी बनाने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
नोट: कृपया 1 अगस्त को सायरन या आपातकालीन गतिविधियों से न घबराएं, यह सिर्फ एक अभ्यास है।
