वायनाड: केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुई लैंडस्लाइड में मरने वालों की संख्या बढ़कर 156 हो गई है। यह घटना अत्यधिक बारिश और भूस्खलन के कारण हुई, जिसने इलाके में बड़े पैमाने पर तबाही मचाई है। राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन मौसम की खराब स्थिति और निरंतर बारिश की वजह से इसमें मुश्किलें आ रही हैं। स्थानीय प्रशासन और एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों ने इलाके में राहत शिविर स्थापित किए हैं और प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।
लैंडस्लाइड ने कई घरों को ध्वस्त कर दिया और सड़कों को अवरुद्ध कर दिया, जिससे राहत सामग्री और बचाव कर्मियों का पहुंचना कठिन हो गया है। स्थानीय निवासी और प्रशासन मिलकर इस आपदा का सामना कर रहे हैं, लेकिन स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है। इस आपदा ने कई परिवारों को बेघर कर दिया है और उन्हें जीवन की आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है और प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
हादसा इतना भयानक था कि लपट्टा मुंडाकाई गांव के पोथकुल में नदियां मानों लाशों में बदल गईं हो। हर तरफ पानी में लोगों की लाशें तैर रहीं है। बता दें कि अपने शानदार टूरिस्ट व्यूज के लिए मशहूर मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांवों की आधी रात को उस समय तस्वीर बदल गई जब इनका संपर्क और अन्य हिस्सों से टूट गया। बाढ़ के पानी में बहीं गाड़ियां कई जगहों पर पेड़ों पर टंगी हुई दिख रही हैं। भूस्खलन के कारण इन इलाकों में नदियों ने अपना रास्ता बदल रिहायशी इलाकों में बह रही हैं, जिससे विनाश और खतरनाक हो गया।