Death Squad Pakistan: इन औरतों को गुलाम बना रहा Death Squad, PAK सेना से है कनेक्शन

0
10

पाकिस्तान की सेना ने गिलगिट से लेकर बलूचिस्तान (Baluchistan) तक इतने जुल्म किए हैं जिसकी कोई इंतहा और हिसाब नहीं है. अब उसके समर्थित गुर्गे और छुटभैये दस्ते भी यहां की औरतों और बच्चों को निशाना बना रहे हैं. जिससे हालात बद से बदतर हुए जा रहे हैं. ताजा मामला है बलूचिस्तान का जहां की औरतों को अचानक बड़ी तेजी से निशाना बनाया जा रहा है.

‘डेथ स्क्वॉड’ को खुली छूट
बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तानी सेना (Pak Army) द्वारा समर्थित डेथ स्क्वॉड (Death Squad) बलूचिस्तान में पाक सुरक्षा बलों के इशारे पर औरतों को जबरन गायब करने, यौन गुलाम बनाने से लेकर उनकी हत्या जैसे मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया गया है. अपनी सेवाओं के बदले में, पाकिस्तानी सेना ने पूरे बलूचिस्तान में इन ‘डेथ स्क्वॉड’ को खुली छूट दे दी है.

मौत के इस दस्ते के चीफ साकिब हसनी पर ताजा आरोप बंदूक की नोक पर एक नाबालिग लड़की को अगवा करने की धमकी देने का है. बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया कि साकिब ने कथित तौर पर सात साल की बच्ची का अपहरण करने की कोशिश की और जब नाकाम रहा तो उसके पिता को धमकी दी कि अगर उसने अपनी बेटी खुद नहीं सौंपी तो वो उसे बंदूक की नोक पर उठा लेगा.

एक पिता का छलका दर्द
गिर के पिता गुलाम मुहम्मद ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि साकिब हसनी उन्हें और उनके परिवार को अपनी बेटी को उन्हें सौंपने की धमकी दे रहे थे. उन्होंने कहा कि वह आदमी पूरी तरह से नशे में था और सशस्त्र गाडरें द्वारा उसे घेर लिया गया था, जो उसे कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा प्रदान किए गए थे.

कौन है साकिब हसनी?
साकिब हसनी उस समूह से ताल्लुक रखता है, जिसका नेतृत्व पहले हफीज मुहम्मद हसनी करता था, उसे कथित तौर पर अगस्त 2016 में पाकिस्तानी सेना ने उठाया था. पाकिस्तानी सेना के मेजर नवीद ने कथित तौर पर हफीज की जान बचाने के लिए 6.8 मिलियन रुपये की फिरौती मांगी है. मेजर नावेद को अगस्त 2019 में एक मिलिट्री कोर्ट ने आजीवन कैद की सजा सुनाई थी.

हफीज नवीद की मदद से पूरे बलूचिस्तान में ड्रग्स की तस्करी करता था. नवीद ने एक बार हफीज पर वित्तीय गड़बड़ी का आरोप लगाया था और 6.8 मिलियन रुपये की फिरौती के लिए उसका अपहरण कर लिया था. बलों को स्थिति की हवा मिल गई और इस डर से कि उनकी चाल पूर्ववत हो सकती है, उन्होंने हफीज को एक जंगल में मार डाला और दफन कर दिया.

बलूचिस्तान पोस्ट ने बताया कि साकिब को तब हफीज के मौत दस्ते के प्रमुख के रूप में प्रमोशन दिया गया था. बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) के अध्यक्ष नसीम बलूच ने गुलाम मुहम्मद के साथ सहानुभूति जताते हुए कहा कि उनकी बेटी और उनके परिवार के साथ हुई घटना दिल दहला देने वाली है. उन्होंने ये भी कहा कि अपहरण की धमकी और जबरन कम उम्र में शादी को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.

बलोच महिलाएं आसान शिकार
उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की अमानवीय घटनाओं के उदाहरण दुनिया में कहीं नहीं मिलते हैं, यहां तक कि सबसे पुराने समाजों में भी नहीं, बल्कि पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के कारण बलूचिस्तान में वे आम हो गए हैं. बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने एक मीडिया बयान में कहा कि मौत के दस्ते बलूच महिलाओं और बच्चों के जबरन गायब होने और उनके यौन उत्पीड़न जैसे सामाजिक अपराधों में शामिल हैं.