महाराष्ट्र में बलात्कारियों को 21 दिन में मृत्युदंड , सख्त होगा बलात्कार कानून , आंध्र प्रदेश की तर्ज पर घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कमेटी गठित

0
10

मुंबई वेब डेस्क / आंध्र प्रदेश के दिशा एक्ट की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी महिला अत्याचार से जुड़ा नया कानून बनेगा जिसमें आरोपी को शीघ्रता से कानून के तहत मृत्युदंड की सजा मिल सकेगी। सरकार ने इसके लिए एक चार सदस्यीय समिति गठित की है जो 29 फरवरी को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने  बताया कि रिपोर्ट आने के बाद विधेयक विधानमंडल में पारित कर कानून का स्वरूप दिया जाएगा।

गृहमंत्री देशमुख ने बताया कि महिला अत्याचार के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए कई राज्यों के कानून का अध्ययन किया गया है। बीते 20 फरवरी को वह खुद वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ आंध्र प्रदेश गए थे। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से इस संबंध में चर्चा हुई और फिर दिशा एक्ट का प्रजेंटेशन किया गया।



इसके बाद चार सदस्यीय कमेटी गठित की गई है जिसमें महाराष्ट्र पुलिस अकादमी की निदेशक अश्वति दोरजे, पुलिस उपायुक्त नियति दवे और गृह विभाग की सचिव व्योमा भट्ट सहित एक विशेषज्ञ शामिल हैं। देशमुख ने बताया कि नए कानून के संबंध में महिला विधायकों और महिलाओं की एनजीओ से भी चर्चा कर उनका सुझाव लेंगे। देशमुख ने कहा कि विधानमंडल बजट सत्र खत्म होने से पहले ही नया कानून बन जाएगा।

क्या है दिशा एक्ट

हैदराबाद की दरिंदगी के बाद आंध्र प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कड़ा कानून बनाया गया है जिसे दिशा एक्ट नाम दिया गया है। इस एक्ट के तहत दुष्कर्म के मामले में पुख्ता सबूत होने पर अदालतें 21 दिन में दोषी को मौत की सजा सुना सकती है। पुलिस को 7 दिन के अंदर जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होगी।



स्पेशल कोर्ट को 21 दिन के भीतर ट्रायल पूरा कर फैसला सुनाना होगा। आंध्र प्रदेश सरकार ने भारतीय दंड संहिता की धार 354 (इ) और 354 (एफ) और 354 (जी) कानून बनाया है जिसमें बाल यौन शोषण से लेकर दुष्कर्म आदि अपराध पर कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है। 

हर जिले में बनेगा विशेष न्यायालय

महाराष्ट्र में महिला अत्याचार से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिए 48 विशेष न्यायालय बनाए जाएंगे। इस कोर्ट में सरकारी वकील भी महिला ही होगी। इस कोर्ट में सिर्फ दुष्कर्म, लैंगिक शोषण, पॉक्सो एक्ट, एसिड अटैक, पेट्रोल अटैक आदि मामलों की सुनवाई होगी।


हर जिले में महिला थाना और ऐप


राज्य के सभी जिलों में महिला थाना खोला जाएगा जहां शिकायत के लिए स्पेशल रजिस्टर होगा। दुष्कर्म व महिला अत्याचार से जुड़ी शिकायत लिखते समय वीडियोग्राफी कराई जाएगी। आंध्र प्रदेश की तरह राज्य में भी महिला ऐप विकसित किया जाएगा। किसी महिला के साथ अत्याचार होने पर महिला द्वारा मोबाइल स्वैप करने मात्र से ही स्थानीय पुलिस थाने में ऑडियो-वीडियो शुरू हो जाएगा। इसे सबूत के तौर कोर्ट में भी पेश किया जाएगा।