साइकिल पर शव , कोरोना संक्रमित लाश के लिए नहीं मिली एम्बुलेंस , आख़िरकर अंतिम यात्रा के लिए हमसफर बनी साईकिल , मामले ने पकड़ा 

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बेलगावी / आमतौर पर शवों को कभी घर तो कभी श्मशान घाट ले जाने के लिए एम्बुलेंस का ना मिलना आम बात है | लेकिन कोरोना संक्रमित शवों को अंतिम क्रिया स्थल तक ले जाने के लिए एम्बुलेंस का ना उपलब्ध होना ताज्जुब करने वाली बात है | राज्य सरकारे दावा करती है कि कोरोना संक्रमितों के साथ  संवेदनशील व्यव्हार कर रही है | लेकिन इस घटना ने कलई खोल दी है कि व्यवहार कितना संवेदनशील है | दरअसल  कर्नाटक के बेलगावी जिले के एक गांव में कोविड-19 के चलते कथित रूप से कोई मदद नहीं मिल पाने के कारण एक परिवार को भारी बारिश के बीच शव को साइकिल पर रखकर श्मशान घाट ले जाना पड़ा। राहगीरों ने जब इस नज़ारे को देखा तो उन्होंने उसका वीडियों बना लिया | इस वीडियों के वायरल होने में वक्त नहीं लगा | लोगों ने इसे काफी असंवेदनशील और सरकारी मजाक करार दिया | मामले के राजनैतिक रंग लेने में भी देर नहीं लगी | वीडियो वायरल होने के बाद कांग्रेस की राज्य इकाई ने शव को ले जाने के लिये एंबुलेंस मुहैया नहीं करा पाने पर सरकार की आलोचना की।

कांग्रेस की राज्य इकाई के प्रमुख डी के शिवकुमार ने ट्विटर पर वीडियो साझा करते हुए लिखा, ”बेलगावी के कित्तूर में जान गंवाने वाले 70 वर्षीय व्यक्ति के संबंधियों को भारी बारिश के बीच शव को साइकिल पर रखकर अंतिम संस्कार के लिये ले जाना पड़ा।” शिवकुमार ने सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, ”बी एस येदियुरप्पा, आपकी सरकार कहां है? एंबुलेंस मुहैया क्यों नहीं कराई गई? सरकार में मानवता का अभाव है और वह महामारी से निपटने में पूरी तरह नाकाम रही है।

मृतक के परिवार के सदस्यों के अनुसार उन्हें दो दिन से बुखार था और स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल केन्द्र की चिकित्सा टीम ने परिवार को उन्हें अस्पातल में भर्ती कराने की सलाह दी थी क्योंकि उनमें कोरोना वायरस के लक्षण दिख रहे थे। परिवार जब उन्हें अस्पताल ले जाने की तैयारी कर रहा था, तब उनकी मौत हो गई।

परिवार ने कहा कि उन्होंने एंबुलेंस के लिए आपातकालीन नंबर पर फोन किया, लेकिन वहां से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने दावा किया कि कोरोना के डर के चलते पड़ोसी भी मदद के लिये नहीं आए। अंतत: परिवार ने शव को बारिश के बीच साइकिल पर रखकर श्मशान ले जाने का निर्णय लिया। सरकार और अस्पताल के अधिकारियों ने इस मामले पर तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की।