रायपुर में दार्जिलिंग, आज उठाइये मौसम का लुफ्त

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रायपुर : रायपुर में आज का दिन और रात दोनों सुहावनी है। सुबह से ही रिमझिम बारिश और कोहरे से दिन की शुरुआत हुई है। आम दिनों के बजाय आज के मौसम ने लोगो को दिनभर अंगड़ाई लेने पर मजबूर कर दिया है। रायपुर आउटर में नजारा किसी हिल स्टेशन से कम नजर नहीं आ रहा है। जिधर नजर दौड़ाये उधर धुंध और कोहरा, रिमझिम फुहार के साथ ठण्ड का एहसास लोगो को दार्जिलिंग की याद दिला रहा है। ये खूबसूरत नजारा नवा रायपुर और धमतरी मार्ग का है। यहाँ कई लोग मौसम का लुफ्त लेने के लिए चाय – पान के ठेलो और होटलो का रुख कर रहे है। 

ठण्ड और कोहरे के साथ रिमझिम फुहार छत्तीसगढ़ में कम ही देखने को मिलती है। लोगो की माने तो रायपुर में सिर्फ दो ही मौसम का एहसास होता है। एक गर्मी तो दूसरा बहुत गर्मी, ठण्ड तो कब आती है और कब चली जाती है, इसका पता तो सड़क के दोनों और लगी सर्दी के कपड़ो की दुकानों को देखकर ही लगता है। भीषण ठण्ड के नवम्बर, दिसंबर और जनवरी जैसे माह में रायपुर शहर में लोगो को कई बार पंखे और कूलर के अलावा एसी पर निर्भर रहना पड़ता है। हालांकि इन मौसमो में रायपुर शहर को छोड़ शेष आउटर के इलाको में ठण्ड का थोड़ा बहुत एहसास जरूर होता है। लिहाजा आज अचानक मौसम के अंगड़ाई लेने से रायपुर में दार्जिलिंग का एहसास चर्चा में है। 

लोग बताते है कि ऐसे मौसम की कल्पना, कमोबेश रायपुर में नहीं की जा सकती। लेकिन प्रकृति ने इस शहर को ऐसी अनोखी भेट भी दी है। शहर के बाहरी इलाको में चारो ओर क्रांकीट के जंगल दूर – दूर तक नजर नहीं आ रहे है। बल्कि हर दिशाओं में हरियाली और कोहरे की चादर में लिपटे पेड़ – पौधे किसी हिल स्टेशन की फील दे रहे है।

सड़क किनारे गिमठियों में चाय की चुस्की के साथ पकौड़ो का लुफ्त उठा रहे लोग कहते है कि इसी मौसम की  तलाश में वे हिल स्टेशनों का रुख करते है। लेकिन कुदरत ने आज मुफ्त में उन्हें यह तौहफा दिया है। उनके मुताबिक ”जी लो आज” रोज – रोज ऐसा दिन नहीं आता। चांदनी कहती है कि आज वो अपने दोस्त के साथ सुबह से ही सैर – सपाटे के लिए निकली है। नवा रायपुर से लेकर धमतरी रोड स्थित एक दर्जन से ज्यादा गांव में उन्होंने स्ट्रीट फूड का स्वाद चखा है। 

नवा रायपुर और मंत्रालय के इर्द – गिर्द के कई तालाबों और होटलो में सुबह से ही मौसम का आनंद उठाने वालो का तांता लगा हुआ है। होटल मालिक राकेश साहू बताते है कि सुबह से ही वे गरमा – गर्म पकौड़े तल रहे है। चाय की चुस्कियों के साथ कई लोग जाम खड़काते भी नजर आ रहे है। उनके मुताबिक रायपुरियंस अब बदल रहे है। मौसम का लुफ्त उठाना उन्होंने सीख लिया है। इस दुकान में देशी फ़ूड का स्वाद ले रही मोनिका कहती है कि वाह, वाह मजा आ गया। वो लॉन्ग ड्राइव पर भिलाई से एयरपोर्ट आई थी। फिर घूमते हुए नवा रायपुर के स्टेडियम के पास पहुंची। यहाँ बारिश के बीच गरमा गर्म पकौड़े और आलू भजिया खा कर उन्हें ग्रामीण इलाको के खानपान से रूबरू होने का मौंका मिला। 

चंडीगढ़ की रहने वाली मोनिका के मुताबिक ऐसा मौसम उन्हें हिमाचल के रास्ते पर नजर आता है। वो बताती है कि रायपुर आकर पहले उन्हें क्रांक्रीट का जंगल नजर आया। लेकिन आज इस मौसम में इस शहर की हरियाली उन्हें अपनी ओर खींच रही है। बहरहाल छत्तीसगढ़ समेत करीब दर्जन भर राज्यों में लोग इन दिनों शीत लहर और ख़राब मौसम का सामना कर रहे है। लेकिन इन राज्यों में कई ऐसे इलाके है जो मौसम की मार के बावजूद अपनी प्राकृतिक छठा से लोगो को कुदरती सुंदरता का भी एहसास करा रहे है। जानकारों की माने तो ऐसा मौसम 7 जनवरी तक रहने के आसार है।     

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