Site icon News Today Chhattisgarh

ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी हृदयमोहिनी का निधन, महाशिवरात्रि के दिन त्यागे प्राण

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी हृदय मोहिनी ने 93 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। लगभग 50 साल से भी ज्यादा समय से दादी ने परमात्मा के संदेश को विश्व में फैलाने का काम किया। पिछले कुछ सालों से वे बीमार चल रही थीं। मुंबई के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर यह सूचना दी। बघेल ने लिखा, ‘दुःखद समाचार मिला है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुख्य प्रशासिका दादी ह्दयमोहिनी जी (जिन्हें सब गुलज़ार दादी कहते थे) ने आज शरीर का त्याग कर दिया है। महाशिवरात्रि के दिन ही वह कैलाशवासिनी हो गयी हैं। उन्हें कोटि-कोटि प्रणाम एवं विनम्र श्रद्धांजलि। ॐ शांति:।’

ब्रह्माकुमारीज की वेबसाइट के अनुसार, ‘दादी हृदय मोहिनी ब्रह्माकुमारीज की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका थीं। उनके नाम का अर्थ है अनेकों के दिलों को आकर्षित करने वाली, और उनका नाम उन पर सटीक बैठता है। अधिक्तर लोग उन्हें गुल्जा़र (गुलाबों का बगीचा) के नाम से जानते हैं। ब्रह्मा बाबा द्वारा सन 1937 में बोर्डिंग स्कूल के बच्चों में से वो एक हैं। आध्यात्मिक सिद्धान्तों और अभ्यास के उनके निरन्तर प्रशिक्षण ने उन्हें गुणों का एक प्रत्यक्ष उदाहरण बना दिया है। शान्त, गम्भीर और गहन व्यक्तित्व की दादी गुल्जार जी ने भी विश्व भर के अनेकों को अपने जीवन से प्रेरित किया है।’

Exit mobile version