चक्रवाती तूफान ‘अम्फान से जान माल के नुकसान का अंदेशा, ओडिशा-पश्चिम बंगाल में अलर्ट, एनडीआरएफ की 17 टीम तैनात, अस्पतालों समेत इमरजेंसी सेवाओं को 24 घंटे कार्य स्थल पर मौजूद रहने को कहा गया

0
5

कोलकाता / भुवनेश्वर वेब डेस्क – बंगाल की खाड़ी में उठे चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ ने खतरनाक रूप ले लिया। इसके पश्चिम बंगाल और ओडिशा के तट से जल्द टकराने की आशंका है।अम्फान के चलते देश के कई राज्यों के कई हिस्सों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हो सकती है। हालाँकि पश्चिम बंगाल और ओडिशा में इसका सर्वाधिक असर देखा जायेगा | इसे देखते हुए मौसम विभाग ने दोनों राज्यों को अलर्ट किया है | आज से मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की हिदायत दी गई है। छोटे जहाजों, स्टीमर और नौकाओं को समुद्र किनारे भेज दिया गया है |

कोलकाता और भुवनेश्वर में इस चक्रवाती तूफान को लेकर हलचल तेज हो गई है | सभी कलेक्टरों को आपात स्थिति से निपटने के निर्देश दिए गए है | केंद्र सरकार के अधिकारी भी राज्यों के संपर्क में है | कोलकाता स्थित मौसम विभाग के क्षेत्रीय निदेशक जीके दास ने बताया के अम्फान के ताकतवर तूफान के तौर पर 20 मई की दोपहर से शाम के बीच सागर द्वीप के पास टकराने की आशंका है। इसकी वजह से उत्तर और दक्षिण 24 परगना, कोलकाता, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर जैसे तटीय इलाकों में 19 से हल्की से भारी बारिश के आसार हैं।

20 मई को इन जिलों के ज्यादातर स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। दोनों राज्यों के तटीय इलाकों में मंगलवार दोपहर से 55 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी जोकि अगले दिन सुबह तक 85 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाएंगी।

मौसम विभाग ने चक्रवाती तूफान की वजह से अगले चार दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी की है। मछुआरों को सलाह दी गई है कि वे अगले 24 घंटे के दौरान बंगाल की दक्षिणी खाड़ी, 17-18 मई के दौरान बंगाल की केंद्रीय खाड़ी और 18-20 मई के दौरान बंगाल की उत्तरी खाड़ी में मछली पकड़ने न जाएं।

उधर पश्चिम बंगाल सरकार के गृह सचिव ने बताया कि प्रशासन हर परिस्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं। उनके मुताबिक तूफान के मद्देनज़र समुद्र किनारे बसी आबादी को राहत शिविरों में भेजा गया है | यहाँ भी सामाजिक दूरी के नियम का पालन करने की व्यवस्था की गई है। उनके मुताबिक राहत और बचाव टीमों को संबंधित जिलों में भेज दिया गया है। मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने बताया कि एक उच्चस्तरीय बैठक में तूफान की स्थिति और इससे निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई है। ऐसी ही तैयारी ओडिशा में भी की गई है |

ओडिशा के विशेष राहत आयुक्त के मुताबिक गंजम, गजपति, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, भद्रक, बालासोर, मयूरभंज, कटक, खुर्दा और नयागढ़ के कलेक्टर को सतर्क रहने को कहा है। जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक और बालासोर पर करीबी नजर रखी जा रही है। उन्होंने बताया कि यहाँ तूफ़ान का ज्यादा प्रभाव का अंदेशा है | उन्होंने बताया कि निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का फैसला स्थिति की समीक्षा के बाद लिया जाएगा। यहां के लगभग 11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने के प्रबंध किए गए हैं।

उधर भारत सरकार के निर्देश पर राष्ट्रीय आपदा रिस्पांस बल 17 टीमों को ओडिशा और पश्चिम बंगाल में तैनात किया है। एनडीआरएफ के डीजी एसएन प्रधान बताया कि मुख्यालय से स्थिति पर बारीक नजर रखी जा रही है और हम राज्य सरकारों और मौसम विभाग के साथ लगातार संपर्क में हैं।