नई दिल्ली. साइबर अटैक से आज कोई सुरक्षित नहीं है. सबसे सुरक्षित माने जाने वाले ऐपल स्मार्टफोन में भी हैकर्स ने सेंध लगा दी है. Google की एक रिपोर्ट के अनुसार, हैकिंग टूल की मदद से हैकर्स ने Apple और Android स्मार्टफोन में सेंध लगाकर मैसेज और कॉन्टैक्ट हासिल कर लिए हैं. जिस स्पाइवेयर की मदद से हैकिंग की गई है, उसे इटली की एक कंपनी बनाती है. इस कंपनी का दावा है कि उसके ग्राहकों की लिस्ट में कई यूरोपीय देशों की लॉ इन्फॉर्समेंट एजेंसीज शामिल हैं.
Google की रिपोर्ट बताती है कि इटली और क़जाकिस्तान में Apple और Android स्मार्टफोन की जासूसी करने के लिए इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया है. रिपोर्ट का कहना है कि इस कंपनी ने ऐसे टूल बनाए हैं, जिन्हें स्मार्टफोन में मौजूद प्राइवेट मैसेज और कॉन्टैक्ट को एक्सेस करने के लिए प्रयोग किया जाता है. वहीं, मिलान स्थित आरोपी RCS Lab का कहना है कि वह कानून सम्मत कार्य करती है.
काफी खतरनाक है यह Spyware
Google ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इटली की कंपनी द्वारा बनाया गया Spyware काफी खतरनाक है. रिपोर्ट में कहा गया है कि आरसीएस लैब खतरनाक हैकिंग टूल का प्रसार कर रही है. यह सरकारों के हाथ में हथियार दे रही है. गूगल का कहना है कि सरकारें स्वयं तो हैकिंग टूल्स विकसित नहीं कर सकती हैं, लेकिन इस कमी को आरसीएस लैब जैसी कंपनियां पूरी कर देती हैं. Google के शोधकर्ता बिली लियोनार्ड का कहना है कि कई मामलों में RCS Spyware का उपयोग करने वाले हैकर्स ने अपने टारगेट को इंटरनेट सर्विस देने वाले के साथ भी काम किया है. इससे पता चलता है कि हैकिंग ग्रुप के सरकार के साथ भी संबंध है.
कंपनी का दावा, अपराधों की जांच में करती है मदद
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, आरसीएस लैब का कहना है कि उसके प्रोडक्ट और सर्विसिज यूरोपीय नियमों का पालन करती हैं. कंपनी कानून लागू करने वाली एजेंसियों को अपराधों की जांच करने में मदद करती है. कंपनी ने अपने उत्पादों के दुरुपयोग की निंदा करते हुए कहा है कि आरसीएस लैब के कर्मचारी संबंधित ग्राहकों द्वारा की गई किसी भी गतिविधि में भाग नहीं लेते हैं. RCS Lab खुद को लॉफुल इंटरसेप्शन तकनीक और सेवाओं का निर्माता बताती है. कंपनी वॉयस, डेटा संग्रह और ट्रैकिंग सिस्टम जैसी सेवाएं उपलब्ध कराती हैं. कपंनी का दावा है कि वह अकेले यूरोप में रोजाना 10,000 इंटरसेप्ट किए गए टार्गेट को हैंडल करती है.