सीवीसी को देश के सभी राज्यों से भष्ट्राचार की शिकायतों का इंतज़ार, सरकारी विभागों के समय पर शिकायत नहीं करने से ढेरों जाँच लंबित

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दिल्ली / देश के तमाम राज्य इन दिनों भ्रष्ट्राचार के ममलों को रफा -दफा या अपने स्तर पर ही निपटाने में जुटे है | सीवीसी की अब राज्यों को लेकर यही राय पुख्ता होते जा रही है | दरअसल सरकारी विभाग अपने यहां भ्रष्टाचार से जुड़ी अधिकतर शिकायतों की समय पर जांच नहीं करते हैं। यह टिप्पणी केंद्रीय सतर्कता आयोग ने सभी मुख्य सतर्कता आयुक्तों को भेजे आदेश में की है | उसने इस मुद्दे पर चिंता भी जताते हुए कहा कि उसने सभी विभागों को भ्रष्ट्राचार की शिकायतों की स्थिति अपने ऑनलाइन प्लेटफार्म पर तय समय सीमा के अंदर अपडेट करना चाहिए।

सीवीसी ने आदेश में अपनी शिकायत से निपटने की नीति और सतर्कता मैनुअल का हवाला देते हुए कहा, कोई शिकायतों को कंप्लेंट मॉनीटरिंग सिस्टम के जरिये सीवीओ को आवश्यक कार्रवाई के लिए भेजा जाता है। हालांकि किसी भी सीवीओ को इसका जवाब देना आवश्यक नहीं होता, लेकिन उन्हें आयोग से शिकायत मिलने के एक माह के अंदर किसी भी शिकायत का परीक्षण करते हुए उस पर निर्णय लेकर निस्तारण कर देना चाहिए।

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सीवीसी ने कहा, शिकायत का निस्तारण विभिन्न सतर्कता गतिविधियों के लिए तय समय सीमा के हिसाब से ही किया जाना चाहिए। यदि किसी शिकायत को कोई सीवीओ जांच पड़ताल के लायक समझता है तो भी उसे 12 सप्ताह के अंदर जांच पूरी करते हुए रिपोर्ट जमा करा देनी चाहिए। सीवीसी के इस कदम से उम्मीद की जा रही है कि राज्य सरकारे कई महत्वपूर्ण और गंभीर भ्रष्ट्राचार की शिकायते सीवीसी को प्रस्तुत करेंगे |