दिल्ली / रायपुर वेब डेस्क – भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री समूह की शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय में बैठक के बाद रैपिड टेस्ट किट से कोरोना की जांच को टाल दिया गया है। बैठक में इस बात को स्वीकार किया कि कोविड-19 को लेकर सरकार ने जो कदम उठाए हैं उनके सकारात्मक परिणाम दिखाई दे रहे हैं। साथ ही फिलहाल रैपिड टेस्ट किट से कोरोना की जांच की जरूरत महसूस नहीं की जा रही है | इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन, स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, विदेश मंत्री एस जयंशकर, नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अन्य अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
जानकारी के अनुसार बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि देश में कोविड-19 की स्थिति नियंत्रण में है | यही नहीं सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। इसलिए रैपिड टेस्ट किट का इस्तेमाल फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। बैठक में मौजूद सूत्रों ने बताया कि सरकार के अनुसार वर्तमान में देश की क्षमता 15 लाख से अधिक परीक्षण करने की है। इसके अतिरिक्त कई भारतीय कंपनियां परीक्षण किट विकसित करने की प्रक्रिया में हैं। कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता करने के लिए सवा लाख से अधिक स्वयंसेवक तैयार हैं।
उधर छत्तीसगढ़ में फैले संक्रमण की तुलना में केंद्र से आपूर्ति होने वाली रैपिड टेस्ट किट की पर्याप्त मात्रा के बावजूद खुले बाजार से उसकी खरीदी की चर्चा जोरो पर है | बताया जाता है कि यह रैपिड किट सरकारी स्टोर की सिर्फ शोभा बढ़ाएगी | जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ में रैपिड किट की पर्याप्त आपूर्ति कर रही है | बावजूद इसके लगभग ढाई करोड़ की लागत से रैपिड किट की खरीदी सिर्फ कोरोना वारियर्स ही नहीं बल्कि आम जनता की समझ से परे बताई जा रही है |
कई लोगों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव का ध्यान इस ओर दिलाते हुए मांग की है कि इस खरीदी को रद्द कर उस रकम को किसी दूसरे लोक कल्याणकारी कार्यों में इस्तेमाल किया जाये | फ़िलहाल देखना होगा कि इस बारे में सरकार क्या कदम उठाती है | हालाँकि रैपिड टेस्ट किट की खरीदी को जायज़ ठहराने के लिए स्वास्थ विभाग के कई अफसर एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है |
इसके लिए मीडिया का मुँह बंद करने के लिए भारी दबाव भी डाला गया है | इसके तहत रैपिड किट की खरीदी को लेकर प्रकाशित – प्रसारित समाचारों को लेकर कुछ मीडिया संस्थानों के खिलाफ स्वास्थ विभाग की ओर से फेक न्यूज़ फ़ैलाने के आरोप में FIR भी दर्ज कराई गई है | हालाँकि स्वास्थ मंत्री टी एस सिंहदेव को पक्षकार बनाते हुए पत्रकारों ने स्वास्थ विभाग की इस कदम को अदालत में चुनौती भी दी है |