नई दिल्ली। एक नए शोध में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा जैसे सामान्य श्वसन संक्रमण फेफड़ों में मौजूद निष्क्रिय स्तन कैंसर कोशिकाओं को दोबारा सक्रिय कर सकते हैं। इससे मरीजों में मेटास्टेटिक ट्यूमर विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है।
यह अध्ययन नेचर पत्रिका में प्रकाशित हुआ है, जिसमें चूहों पर प्रयोगों और मानव रोगियों के डेटा विश्लेषण के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया। अमेरिका के अल्बर्ट आइंस्टीन कॉलेज ऑफ मेडिसिन के जूलियो एगुइरे-घिसो ने बताया कि कैंसर से बचे लोगों को श्वसन वायरस से बचने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए और समय पर टीकाकरण करवाना चाहिए।
शोध में पाया गया कि संक्रमण के कारण शरीर में होने वाली सूजन (inflammation) निष्क्रिय कैंसर कोशिकाओं (DCC) को सक्रिय कर देती है, जो कि पहले ट्यूमर से फैलकर शरीर के अन्य हिस्सों में छिपी होती हैं। खासतौर पर IL-6 नामक प्रोटीन, जो संक्रमण के दौरान सक्रिय होता है, इन कोशिकाओं के दोबारा एक्टिव होने का कारण बनता है।
चूहों पर हुए परीक्षण में देखा गया कि वायरस के संपर्क में आने के कुछ ही दिनों में डीसीसी सक्रिय हो गईं और दो हफ्तों में मेटास्टेटिक घाव बनने लगे।
मानव डेटा का विश्लेषण कर रहे नीदरलैंड के यूट्रेच विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि संक्रमण के पहले वर्ष में कैंसर की पुनरावृत्ति की आशंका सबसे अधिक थी।
विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कैंसर से उबर चुके लोगों को किसी भी वायरल संक्रमण के प्रति सतर्क रहना चाहिए और IL-6 अवरोधक या इम्यूनोथेरेपी के जरिए संभावित रोकथाम पर विचार किया जाना चाहिए।
