Shraddha Murder Case: श्रद्धा वालकर हत्याकांड में आज आएगा कोर्ट का फैसला, आफताब पूनावाला के खिलाफ तय होंगे आरोप

0
11

नई दिल्ली : Shraddha Murder Case: दिल्ली की एक अदालत ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की हत्या के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ आरोप तय करने के संबंध में आदेश शनिवार को यानी कि आज सुना सकती है. पूनावाला पर अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर की गला घोंटकर हत्या करने के बाद उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करने का आरोप है. वालकर के पिता के आवेदन पर दिल्ली पुलिस को भी कल तक अदालत में अपना जवाब दाखिल करना है. वालकर के पिता ने अपनी अर्जी में अनुरोध किया है कि श्रद्धा के शव के अवशेष परिवार को सौंपे जाएं ताकि संस्कृति और परंपरा के अनुरूप उसका अंतिम संस्कार किया जा सके.

अतरिक्त सत्र न्यायाधीश मनीषा खुराना कक्कड़ ने 15 अप्रैल को दलीलों को सुनने के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. वालकर के पिता के आवेदन पर जवाब देने के लिए जांच एजेंसी ने 15 अप्रैल को समय मांगा था. दिल्ली पुलिस ने 24 जनवरी को इस मामले में 6,629 पृष्ठों का आरोपपत्र दायर किया था. श्रद्धा की कथित तौर पर पिछले साल 18 मई को गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. दिल्ली के महरौली इलाके में पूनावाला ने वालकर की कथित रूप से हत्या कर दी थी. उसने वालकर के शव के कम से कम 35 टुकड़े कर उन्हें लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर की क्षमता वाले फ्रिज में रखा था और फिर उन्हें दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में फेंक दिया था.

इस बीच, श्रद्धा के पिता विकास मदन वालकर ने अदालत में अर्जी देकर अपनी बेटी के अवशेष सौंपे जाने के निर्देश देने का अनुरोध किया है, ताकि परंपरा और संस्कृति के अनुसार मृतका का दाह संस्कार किया जा सके. दिल्ली पुलिस ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश को सूचित किया कि इस संबंध में 29 अप्रैल को जवाब दायर किया जाएगा. इस बीच, बीते शनिवार को पूनावाला के वकील द्वारा आरोप तय करने पर दलीलें पूरी की गईं. सुनवाई के दौरान, पूनावाला के वकील ने कहा कि अपराध का स्थान, समय और तरीका दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के प्रावधानों के अनुसार निर्दिष्ट किया जाना चाहिए.

पूनावाला पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के सबूत मिटाने) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उच्चतम न्यायालय के एक फैसले का हवाला देते हुए, पूनावाला के वकील ने दलील दी थी कि आरोपी को दोनों अपराधों के लिए दोषी नहीं ठहराया जा सकता है और दोनों ‘वैकल्पिक आरोपों’ को एक साथ नहीं जोड़ा जा सकता है. विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने इन दलीलों का पुरजोर खंडन करते हुए कहा कि फिलहाल मामला आरोप तय किये जाने के स्तर पर है और दोनों अपराधों के लिए आरोप तय करने पर कोई रोक नहीं है.