रायपुर / दंडकारण्य नक्सली जोन में नक्सली आखिर कितने दिनों तक मेहमान रहेंगे , इसका फैसला मुख्यमंत्री भूपेश बघेल करेंगे | दरअसल देश में सर्वाधिक नक्सली हमले छत्तीसगढ़ में हुए है | नक्सलियों ने छत्तीसगढ़ के एक बड़े हिस्से को नक्सलवाद की जड़ के रूप में सिंचित किया है | दंडकारण्य राज्य की नक्सली कल्पना में छत्तीसगढ़ का महत्वपूर्ण स्थान है | यदि छत्तीसगढ़ में नक्सली समस्या खत्म हो गई तो देश के तमाम राज्यों में भी इसका सफाया होना तय माना जा रहा है | इसी के चलते नक्सली छत्तीसगढ़ में अपने पैर जमाएं रखने में ज्यादा जोर दे रहे है | उधर सरकार भी नक्सलियों के इस पैतरे को जानते है | लिहाजा नासूर बन चुकी नक्सली समस्या पर अंकुश लगाने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में जल्द एक बैठक रायपुर में होने जा रही है | इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पांच राज्यों के मुख्यमंत्री क्रमश महाराष्ट्र, ओड़िसा, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और आंध्रप्रदेश शामिल हैं । यह बैठक 28 जनवरी को दिनभर चलेगी | नक्सली सफायें के लिए इंटर स्टेट कौंसिल की यह बैठक काफी अहम मानी जा रही है।
हाल ही में केन्द्रीय सुरक्षा सलाहकार विजय कुमार ने बस्तर में नक्सली उन्मूलन अभियान का जायजा लेने के बाद सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की थी । केन्द्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने भी बस्तर में पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के साथ बैठक कर हालात पर नजर बनाये रखी है |
बताया जाता है कि कांग्रेस शासित राज्य में नक्सलवाद के सफायें की सोंच को लेकर केंद्र और राज्यों के बीच मतभेद भी उभर सकते है | लिहाजा पांचों राज्यों के मुख्यमंत्री की मौजूदगी में एक साथ सभी राज्यो में एंटी नक्सल ऑपरेशन चलायें जाने पर सहमति बनाई जाएगी ।
बताया जाता है कि नक्सली वारदातों को अंजाम देकर एक दूसरे राज्यों में घुसपैठ कर जाते है | इसके चलते उन पर कार्रवाई करना कठिन हो जाता है | सूत्र बता रहे है कि सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि देश के अन्य राज्यों में नक्सलियों के सफायें की योजनाओं की कामयाबी बहुत हद तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कार्यप्रणाली पर निर्भर करेगी |