बिहार में भ्रष्ट्राचार का पुल, उद्घाटन के 29 दिन बाद पानी में बहा, 264 करोड़ की लागत से तैयार पुल की गुणवत्ता की खुली पोल, विपक्ष ने मिस्टर क्लीन नीतीश कुमार को खड़ा किया कटघरे में, जांच के निर्देश, देखे वीडियो

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पटना / बिहार में इस वक्त कोरोना से ज्यादा एक पुल के अचानक ढह जाने से सरकार मुसीबत से जूझ रही है | उसे जवाब देते नहीं बन रहा है कि जिस पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने किया था वो महीने भर भी नहीं चल पाया | उद्घाटन के 720 घंटे बाद अर्थात 29वें दिन यह पुल ढह गया | इस पर 264 करोड़ रूपये खर्च किये गए थे |

उधर विपक्ष के हमले के बाद राज्य के PWD मंत्री नंदकिशोर यादव को बर्खास्त करने की मांग के साथ उसे निर्मित करने वाली कंपनी से रकम की वसूली की मांग जोर पकड़ रही है | हालांकि मंत्री यादव की दलील है कि पुल टूटा नहीं है | बल्कि बाढ़ और पानी के तेज बहाव के चलते बाहरी दीवार का एक हिस्सा टूटा है | गोपालगंज के इस पुल का उद्घाटन हाल ही में 16 जून को मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने किया था |

इस घटना के बाद विपक्ष ने उन पर सीधा हमला बोल दिया है | सरकार पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लग रहे है | राज्य में एक तो बाढ़ का कहर और दूसरी तरफ कोरोना की मार, के साथ अब निर्माण कार्यों को लेकर सरकार की नाकामी सामने आ रही है | सुशासन का दावा करने वाली नीतीश सरकार के दावों की पोल खुलने से सरकार की नींद उड़ गई है | बताया जाता है कि गोपालगंज में पुल का एक हिस्सा ढहने से इस सत्तरघाट महासेतु पर भी खतरा मंडराने लगा है | इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे है |

उधर इस घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने ट्वीट किया है | उन्होंने कहा कि 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश कुमार ने उद्घाटन किया था | 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया | खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुंह दिखाई है | इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते हैं |

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16 जून को सीएम नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुल का उद्घाटन किया था | लोगों का कहना है कि एक माह बाद ही इस पुल का धरासाई होना भ्रष्ट्राचार की ओर इशारा करता है | उधर PWD विभाग की दलील है कि पानी के ज्यादा दबाव के कारण पुल टूट गया है | इस घटना के बाद एक बड़ी आबादी की आवाजाही की लिंक समाप्त हो गई है | पुल के टूटने से गोपालगंज और लालछापर, मुजफ्फरपुर, मोतिहारी, बेतिया जाने का लिंक बंद हो गया है |

https://youtu.be/vUXLBKWChHs

सत्तरघाट महासेतु पुल गोपालगंज को चंपारण से और इसके साथ तिरहुत के कई जिलों को जोड़ता था | दरअसल बिहार में इन दिनों सभी प्रमुख नदिया उफान पर है | गंगा के अलावा नेपाल से बिहार आने वाली नदियों में भी बाढ़ की स्थिति है | गोपालगंज में बुधवार को गंडक नदी में तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी का बहाव था | गंडक के इतने बड़े जलस्तर के दबाव से इस महासेतु का एप्रोच रोड टूट गया | बीजेपी विधायक मिथिलेश तिवारी ने जब इस मामले की जानकारी बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नंदकिशोर यादव को दी तो वे भी हैरत में पड़ गए | दरअसल इस सेतु का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा साल 2012 में शुरू कराया गया था |